दंतेवाड़ा

रामलला दर्शन के लिए 28 तीर्थ यात्री हुए रवाना, पालिका अध्यक्ष ने दिखाई हरी झंडी

दंतेवाड़ा । राज्य शासन द्वारा श्रद्धालुओं हेतु संचालित श्री रामलला दर्शन योजना के अंतर्गत आज दंतेवाड़ा जिले के 28 राम भक्तों की टोली को दुर्ग रेलवे स्टेशन से अयोध्या जाने वाली विशेष ट्रेन के माध्यम से रवाना किया गया। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पायल गुप्ता एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने राम भक्तों को दंतेवाड़ा से दुर्ग स्टेशन तक ले जाने वाली बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पायल गुप्ता ने रामलला दर्शन के लिए रवाना हो रहे सभी श्रद्धालुओं को सकुशल यात्रा की शुभकामनाएं दीं और नागरिकों से आग्रह किया कि वे शासन की इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।

इस मौके पर संयुक्त कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी रामलला दर्शन हिमाचल साहू ने बताया कि तीर्थ यात्रियों के लिए बस में सभी प्रकार की छोटी-मोटी दवाइयां भी उपलब्ध कराई गई है। ताकि तीर्थ यात्रियों को सामान्य शारीरिक व्याधियां की शिकायत होने पर उन्हें तुरंत उपचार किया जा सकें। इसके साथ ही उन्होंने तीर्थ यात्रियों से सलाह दिया कि मौसम को देखते हुए वे अन्य बस स्टापेज पर अनावश्यक न भटके। साथ ही अपने सह यात्रियों से भी मेलजोल आवश्यक बढ़ाये। उन्होंने इस संबंध में जानकारी दी कि इसके पूर्व रामलला दर्शन हेतु 27 तीर्थ यात्रियों को अयोध्या भेजा जा चुका है और अब दूसरे दौर हेतु 28 तीर्थ यात्रियों को अयोध्या भेजा गया है। सभी तीर्थ यात्रियों को विशेष सुविधा के तहत ट्रेन में भी निःशुल्क भोजन, स्वल्पाहार की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है।
रवानगी से पूर्व तीर्थयात्रियों ने रामलला दर्शन योजना की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था को ध्यान में रखते हुए एक प्रशंसित योजना है। इस योजना के तहत लोग आसानी से निःशुल्क अयोध्या जाकर भगवान रामलला के दर्शन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने रामलला दर्शन योजना के माध्यम से प्रदेश के श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन हेतु एक अनूठा अवसर प्रदान किया है, और इस यात्रा से श्रद्धालु अपने आध्यात्मिक अनुभव को समृद्ध बना सकते हैं। रामलला दर्शन योजना न केवल लोगों की धार्मिक आस्था को मजबूत करेगी बल्कि उन्हें सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण को भी समृद्ध बनायेगी। रामलला दर्शन योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन ने धार्मिक और सांस्कृतिक उन्नयन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

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