जगदलपुर

अमर शहीद हेमू कालाणी का 82वां बलिदान दिवस पर समाज ने दी पुष्पांजली

जगदलपुर/बस्तर न्यूज

श्री पूज्य सिन्धी पंचायत जगदलपुर द्वारा अमर शहीद हेमू कालाणी के चित्र पर झूलेलाल अंगवस्त्र और मालयार्पण कर दीप जलाकर पुष्पांजली अर्पित किया।

वीर क्रांतिकारी अमर शहीद वीर हेमू कालाणी आज के ही दिन शहीद हुए थे। उनकी शहादत निश्च़ित रुप से आज़ की युवा पीढ़ी को एक नई दिशा प्रदान करती हैं। समूचा भारत देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस अवसर पर उन महान क्रांतिकारियों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों का स्मरण करना भी बेहद ही ज़रुरी है, जिनकी वज़ह से हम आज़ खुले वातावरण में चैन से बैठकर आज़ादी की सांसें ले रहे हैं। भारत को विदेशी शासन से मुक्त कराने के लिए जिन वीर सपूतों ने अपना बलिदान दिया।

ऐसे ही नायकों में एक थे, क्रांतिकारी अमर शहीद हेमू कालाणी, जो मात्र 19 वर्ष की उम्र में शहीद हो गये थे। हेमू कालाणी (23 मार्च 1923, 21 जनवरी,1943) सिंध के सक्खर (अब पाकिस्तान में) जन्मे थे। आपके पिताश्री का नाम पेसूमल कालाणी एवं माताश्री का नाम श्रीमती जेठीबाई कालाणी था। वर्ष 1942 में पूरे अविभाजित भारत के सिंध प्रांत में हेमू कालाणी ने अपनी किशोरावस्था में ही अपने साथियों के साथ मिलकर विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया तथा स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का आग्रह किया। जब हेमू कालाणी की आयु मात्र सात वर्ष की थी, तब इस अल्प आयु में भारतमाता का तिरंगा लेकर अपने मित्रों के साथ अंग्रेजों की बस्ती में जाकर निर्भीक होकर भारत माता को विदेशियों की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए उत्साहपूर्वक भाग लेते थे। भारत सरकार द्वारा 14 अक्टूबर 1983 को भारतीय डाक व तार विभाग द्वारा अमर शहीद हेमू कालाणी की स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया गया था। भारत के संसद भवन में 21 अगस्त 2003 को हेमू कालाणी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। इस प्रतिमा का लोकार्पण तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा किया गया था। अमर शहीद हेमू कालाणी को केवल 19 वर्ष की अल्प आयु में ही बर्बर अंग्रेज सरकार द्वारा फांसी दे दी गई थी। वे देश के स्वतंत्रता संग्राम के लिए शहीद होने वाले सबसे कम उम्र के क्रांतिकारियों में से एक थे।

इस महत्वपूर्ण आयोजन मे मनीष मूलचंदानी, संजय नत्थानी, सुनील दंडवानी, हरेश नागवानी, बृजलाल नागवानी, राजेश दुल्हानी, बसंत मेघानी, अनिल हासानी, सुरेश पोटानी, जीतू नागरानी, राजाराम नवतानी, राजकुमार आडवानी, आलोक हर्जपाल, डब्बू प्रेमचंदानी, प्रेम नवतानी, राम नरेश पांडे, सुहिणी सोच की वरिष्ठ महिला चंद्रा देवी नवतानी, लक्ष्मी नवतानी, रेशमा भोजवानी व अन्य सभी समाज सदस्यों उपस्थित थे।

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