जगदलपुर/बस्तर न्यूज
पूर्ववर्ती सरकार में सरकार फ़रवरी माह तक धान संग्रहण केंद्रों से मिलर्स तक पहुंचाने में अधिकतम समय फरवरी तक का लेते थे ।आखिर यह सरकार और जिला प्रसाशन के अधिकारी वर्षा ऋतू से पूर्व नहीं निकाल पाए और बाद में भी निकालने में सरकार गंभीर नहीं हैं ।
उक्त बातें शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने आज प्रेसवार्ता में पत्रकारों के समक्ष किया। उन्होंने आगे बताया कि सरकार धान उठाओ में नीति और नियति स्पष्ट क्यों नहीं कर पा रही हैं । जिम्मेदार मुख्य्मंत्री और विभागीय मंत्री और भाजपा नेता इस मामले पर चुप्पी क्यों साधे बैठी हैं । जनता के टेक्स के पैसों की बर्बादी यह सरकार कर रही हैं दूसरी ओर सरकार 9 महीने में 3000 करोड़ का कर्ज लें बैठी हैं और आगे और लेने की तैयारी हैं
बस्तर जिले में लगभग 3 अरब रुपए का धान बढ़ा रही हैं सरकार इसे बेच कर आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकती हैं
15 नवंबर से यह सरकार फिर से धान खरीदी प्रारम्भ करने जा रही हैं और पिछले साल की खरीदी गई धान अब तक उठाई नहीं गई हैं यह सरकार बेपरवाह, निकम्मी और फिज़ूलखर्ची वाली सरकार हैं। धान संग्रहण केंद्रों से जिला प्रसाशन के उच्च अधिकारीयों के निर्देश पर अधिक मात्रा में धान चोरी किया जा चूका हैं जिसका सत्यापन और उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए। धान संग्रहण केंद्रों से मजदूरों से प्लास्टिक बोरा में भूसा भर कर धान सुरक्षित रखने हेतु स्टेग लगाने का कार्य किया जाता हैं, जिसमे बहुत बड़े पैमाने पर फर्जी बिल एवं मास्टरोल लगा कर शासकीय पैसे का बंदरबाट किया गया हैं जिसमे जिला विपणन अधिकारी की भूमिका संदिग्ध हैं। धान संग्रहण केंद्र में अरबों रूपये का घोटाला हुआ हैं। जिले में ही जिसकी जाँच करवा कर शासकीय धन के घोटाले बाज़ों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।