जगदलपुर

बालाजी मन्दिर में सत्यनारायण कथा में श्रद्धालुओं ने ईश्वर की गाथा सुनी

जगदलपुर/बस्तर न्यूज

श्री वेकेटेंश्वर स्वामी बालाजी मन्दिर वार्षिकोत्सव के तीसरे दिन आज सामूहिक सत्यनारायण कथा का आयोजन किया गया। कथा वाचन करते हुए पंडितों ने कहा मनुष्य को परिश्रम के बिना परमात्मा उसके किसी कार्य को सिद्ध नहीं करते। तप और पुरुषार्थ दोनों अलग हैं। तप का अर्थ है कि अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी विपत्तियों का सामना करना और पुरुषार्थ का अर्थ है, आलस्य का त्याग करके मन, वचन और कर्म से उत्तम व्यवहार करना, जो लोग जीवन में पुरुषार्थ नहीं करते उन्हें परमात्मा भी कुछ नहीं देता। श्री बालाजी मंदिर में चल रहे वार्षिक महोत्सव के तीसरे दिन भक्तों ने भगवान सत्यनारायण की कथा सुनी। इस दौरान 400 से अधिक जोड़ों ने पूरे विधि-विधान के साथ पूजा में भाग लिया और बीच-बीच में गोविंदा-गोविंदा के जयकारे लगाए।

सहस्त्र दीपों से किया गया विधान

मंदिर में श्रद्धालुओं ने भगवान का ऊंजल सेवा किया। इस विधान के तहत भगवान को लकड़ी के झूले में भक्तों ने झुलाया। इससे पहले बालाजी मंदिर में सहस्र दीपालंकरण विधान संपन्न हुआ। पूजा में शामिल भक्तों ने अपने हाथों से मिट्टी के दीप प्रज्ज्वलित कर मंदिर परिसर को सजाया। भक्तों ने पूजा मंडप, गरूड़ स्तंभ सहित दशावतार, श्री कृष्ण एवं अन्य प्रतिमाओं के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *