जगदलपुर/बस्तर न्यूज
दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र नागपुर एवं संस्कार भारती छत्तीसगढ़ द्वारा बस्तर जिला के ग्राम एर्राकोट विकासखंड तोकापाल में 31 जनवरी से 9 फरवरी 2023 तक पारंपरिक हस्तशिल्प की 10 दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई ।
समापन समारोह में संस्कार भारती छत्तीसगढ़ के क्षेत्र प्रमुख अनिल जोशी बिलासपुर, महामंत्री हेमन्त माहुलीकर कोरबा, लोक कला विधा संयोजक रिखी राम क्षत्रिय भिलाई, सह महामंत्री एवं कार्यशाला समन्वयक डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकर रायपुर एवं कार्यशाला सह समन्वयक रामेश्वर केवट चांपा उपस्थित थे ।
इस कार्यशाला में 10 महिला एवं 10 पुरुष प्रशिक्षार्थी ढोकरा शिल्प (बेल मेटल) निर्माण की बारीकियों से अवगत हुए । शिल्प निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मोम का धागा निकालना, कछुआ ,हिरण, आदिवासी पुरुष महिला, सूर्य आदि शिल्प के निर्माण में मोम के धागे से कलाकृतियों पर कलाकारी करना उसके ऊपर मिट्टी का लेप लगाना, प्रत्येक कृति के नीचे पीतल धातु के टुकड़ों को व्यवस्थित जमाना, भट्टी तैयार करके उन कृतियों को उसमें गर्म करना इन सारी प्रक्रियाओं से भी अवगत हुए ।
उल्लेखनीय है कि पीतल मेटल का गलनांक लगभग 930 डिग्री सेंटीग्रेड होता है । कारीगरों द्वारा निर्मित उस छोटी सी भट्टी में 930 डिग्री सेल्सियस तापक्रम बनाए रखने के लिए विशेष प्रकार की अक्साई लकड़ी और कोयला का उपयोग किया जाता है ।
सभी प्रशिक्षार्थियों को दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र नागपुर के सहायक संचालक एवं नोडल अधिकारी छत्तीसगढ़ गोपाल बेतावर द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए ।
इस अवसर पर संस्कार भारती छत्तीसगढ़ ने ग्राम एर्राकोट के वरिष्ठ शिल्पी मंगलू राम सागर, नानी राम और तुला राम कश्यप का सम्मान पत्र और शॉल से सम्मान भी किया ।