टीबी चैंपियन के रूप में रेवती, सक्रिय टीबी मरीजों की कर रही मदद
मुझे अपने अनुभव के कारण टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग व काउंसलिंग करने में काफी सहायता होती है । लोगों का भी सकारात्मक व्यवहार अब देखने को मिल रहा है । टीबी चैंपियन बनकर टीबी मरीजों की मदद करना मुझे अच्छा लगता है । सर्वे के दौरान कुछ लोगों में टीबी ठीक नही होने की मुख्य वजह जानकारी का अभाव और मरीजों द्वारा नियमित रूप से दवा लेने में लापरवाही बरतना है । ग्रामीण इलाकों में रहने वाले अधिकतर लोग बीड़ी, तंबाकू के सेवन के कारण इस बीमारी की चपेट में आ जाते है । जानकारी के अभाव में समय पर बीमारी की पहचान नहीं होती । यदि बीमारी का समय पर पता चल भी जाए तो उपचार कराने में गम्भीरता नहीं बरतते। जिसकी वजह से समस्या बढ़ने लगती है । मेरे इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बताया था कि टीबी की बीमारी में नियमित दवा लेना बेहद जरूरी होता है । टीबी का लक्षण दिखने पर बिना भयभीत हुए बिना सरकारी अस्पताल में निःशुल्क जांच करवाएं। नियमित दवा लें और पौष्टिक आहार का सेवन करें । इससे टीबी का इलाज संभव है ।
संक्रामक है टीबी की बीमारी
टीबी एक संक्रामक बीमारी है। जो बैक्टीरिया के कारण फैलता है। इसे तपेदिक या ट्यूबरक्लोसिस भी कहा जाता है। टीबी रोग से पीड़ित व्यक्ति के खाँसने या छीकने से, टीबी के कीटाणु श्वसन के द्वारा स्वस्थ व्यक्ति के शरीर मे प्रवेश करके उसे संक्रमित करता है। यह आमतौर पर फेफड़ों से शुरू होती है। सबसे प्रमुख फेफड़ों की टीबी ही है लेकिन यह ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गला, हड्डी आदि शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है ।
लक्षण दिखे तो कराएं जांच
लगातार दो हफ्ते से खांसी आए, बलगम में खून आए, रात में बुखार के साथ पसीना आए, तेजी से वजन घट रहा हो, भूख न लगे तो नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर टीबी जांच निःशुल्क करवा सकते हैं। अगर जांच में टीबी की पुष्टि हो तो पूरी तरह ठीक होने तक इलाज जरूरी है।