जगदलपुर/बस्तर न्यूज
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत इन दिनों छत्तीसगढ़ के किसानों से मिलने छत्तीसगढ़ के दौरे पर आए हुए हैं । इसी के तहत वह बस्तर के किसानों से चर्चा कर उनकी परेशानियों को जानने की कोशिश की ।
स्थानीय एक सामाजिक भवन में जिले के पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में जमीन अधिग्रहण के बड़े मामले हैं। आम आदमी जमीन खरीदता है, तो उसे कई नियम का पालन करना पड़ता है, पर जब सरकार अधिग्रहण करती है कोई नियम लागू नहीं होता। नगरनार स्टील प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण में पुनर्वास नीति का शांतिपूर्ण तरीके से पालन नहीं हुआ। स्टील प्लांट को निजीकरण से बचाने के लिए बड़े आंदोलन करने की जरूरत है । और आंदोलन के माध्यम से ही किसानों की जमीन बचाई जा सकती है।
यहां के किसानों को यहां की सरकार धान पर बोनस दे रही है इसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्रीय आंदोलन की मांगे अभी पूरी नहीं हुई है करो ना कॉल के कारण कुछ समय के लिए उसे हमने रोका था अभी और आंदोलन करेंगे इस बार नया नाम होगा वैचारिक क्रांति ।
वहीं बस्तर के किसानों की दशा के बारे में कहते हुए टिकैत ने कहा कि नक्सली के नाम पर बस्तर को देशभर में बदनाम किया जा रहा है, जो गलत है । यह लोग विपक्ष में रहते हुए अपनी आवाज बुलंद करते हैं और सरकार में आते ही बदल जाते हैं। सरकार को किसानों का सर्पोट करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है । धार्मिक और जातियों का झगड़ा चल रहा है और कुछ राजनीतिक दल इन एजेंटा पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि अब आने वाले समय में वैचारिक क्रांति लाने अभियान शुरू होगा, क्योंकि वर्तमान में जनता को आपस में लड़ाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब जनता आपस में लड़ना बंद करेंगे, तो समस्या का समाधान अपने आप होगा। वही केन्द्र सरकार के कृषि कानून को लेकर कहा कि सरकार एमएसपी गारंटी और स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश लागू करें ।