जगदलपुर । बस्तर क्षेत्र के नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि हेतु एनएमडीसी द्वारा कोपागुड़ा में 2 अरब 32 करोड़ 73 लाख की लागत राशि से निर्माण की जाने वाली सुपर स्पेशललिटी अस्पताल के निर्माण के लिए आवश्यक कार्यवाही जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा विकास कार्यों में एनएमडीसी का आवश्यक सहयोग करने के लिए एनएमडीसी के अधिकारियों से कलेक्टोरेट के प्रेरणा हाल में बैठक किया गया । प्राधिकरण के सदस्यों ने अस्पताल के निर्माण में देरी के लिए नाराजगी जाहिर कर इस कार्य को प्राथमिकता देते हुए आवश्यक प्रगति लाने के निर्देश दिए। इस पर एनएमडीसी के उच्च अधिकारी ने तीन माह में प्रारंभिक कार्यवाही का आश्वासन दिया। सभी सदस्यों ने कहा कि तीन माह में कोई प्रगति नहीं होने की स्थिति में एनएमडीसी के प्लांट व खनन कार्य को बंद करवाने की कार्यवाही की जाएगी ।
बैठक में उद्योग व प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, बस्तर सांसद दीपक बैज, विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मण्ड़ावी, प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सन्तराम नेताम, विक्रम मंडावी, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, विधायक अंतागढ़ अनूप नाग, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, जिला पंचायत दंतेवाड़ा की अध्यक्ष सुश्री तूलिका कर्मा, कमिश्नर व सदस्य सचिव बविप्रा श्याम धावड़े, कलेक्टर चंदन कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र मीणा, एनएमडीसी के मोहंती व अन्य अधिकारी सहित सातों जिला के सीएसआर प्रभारी अधिकारी उपस्थित रहे ।
बैठक में प्रभारी मंत्री ने कहा कि बस्तर क्षेत्र नक्सल प्रभावित इलाका है जहां पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं की हमेशा आवश्यकता है। जनता के प्रतिनिधि होने के कारण संस्थान से सुविधाओं की मांग करना हमारा कर्तव्य है, एनएमडीसी को सीएसआर मद से क्षेत्र के गरीब जनता के लिए स्वास्थ्य सेवाए उपलब्ध कराना चाहिए। बैठक में नगरनार स्टील प्लांट के विस्थापितों के पुनर्वास के संबंध में कहा गया कि विस्थापितों के हितों का संरक्षण किया जाए। प्रशासन पात्र लोगों का जांच कर सूची एनएमडीसी कार्यालय को भेजे और एनएमडीसी उनकी नियुक्ति विस्थापितों के निर्धारित नियमों के तहत देने की कार्यवाही करें। बैठक में एनएमडीसी द्वारा सीएसआर मद से स्वीकृत कार्यों और प्रदाय राशियों पर भी समीक्षा की गई। साथ ही जिलों में एनएमडीसी के सीएसआर मद से स्वीकृत कार्यों की उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर बकाया राशि जारी करवाने कहा गया। बैठक में स्लरीपाईप लाईन अन्तर्गत भूमि अधिग्रहण प्रकरणों के मुआवाजा वितरण और शिकायतों को निराकरण त्वरित करने हेतु जोर दिया गया।
सांसद दीपक बैज ने एनएमडीसी के अधिकारियों को नगरनार प्रभावित गांवों के लिए अलग से राशि जारी करने और बस्तर दशहरा हेतु दी जाने वाली राशि में वृद्धि करने की मांग की। संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने नगरनार के प्रभावित ग्राम पंचायतों में कावापाल और तिरिया को जोड़ने के निर्देश दिए। साथ ही प्रभावित ग्राम पंचायतों को एग्रीमेंट के तहत विकास कार्य के लिए सालाना राशि को जारी करने कहा। विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मण्ड़ावी ने कांकेर जिला को भी सीएसआर मद का हिस्सा देने की मांग की। साथ ही बस्तर संभाग में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एनएमडीसी द्वारा आवश्यक सहयोग करने कहा। चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम ने बस्तर के खिलाड़ियों के लिए एनएमडीसी में नौकरी हेतु खेल कोटा के तहत भर्ती के लिए आवश्यक कार्यवाही करने कहा।
बैठक में भिलाई इस्पात संयंत्र से सीएसआर मद अन्तर्गत आबंटित राशि एवं स्वीकृत कार्यों, दल्लीराजहरा-रावघाट रेल परियोजना एवं रावघाट इस्पात संयंत्र परियोजना, जगदलपुर, किरन्दुल रेल लाईन दोहरीकरण परियोजना की भी समीक्षा की गई। सदस्यों ने रेलवे विभाग के अधिकारी से रेल लाईन के विकास के दौरान पर्यावरण और ग्रामीणों की सुरक्षा पर ध्यान देने की मांग की। साथ ही बस्तर जिले के लामनी क्रासिंग, डिलमिली, दन्तेवाड़ा जिले के मुख्यालय और कांवड़गांव में पुल निर्माण की मांग की गई। रावघाट से जगदलपुर तक रेल विकास के लिए आवश्यक कार्यवाही करने हेतु जोर दिया गया।