हैदराबाद/बस्तर न्यूज
अमिताभ मुखर्जी, निदेशक (वित्त) ने एनएमडीसी लिमिटेड में अध्यक्ष, सह-प्रबंध निदेशक के रूप में अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण किया। मुखर्जी भारतीय रेलवे लेखा सेवा (आईआरएएस) के 1995 बैच के अधिकारी हैं। वे कोस्ट एकाउंटेंट भी हैं और उन्होंने गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर से वाणिज्य में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। निदेशक (वित्त) के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान एनएमडीसी ने 25,882 करोड़ रुपये के टर्नओवर, 12,981 करोड़ रुपये के कर पूर्व लाभ (पीबीटी) और वित्त वर्ष 22 में 9,398 करोड़ रुपये के कर पश्चात लाभ (पीएटी) के साथ कंपनी के इतिहास में अब तक का सबसे अच्छा वित्तीय प्रदर्शन दर्ज किया।
उन्होंने ईआरपी (एस 4/हाना ) के कार्यान्वयन का नेतृत्व किया है । तथा माइन ट्रांसपोर्टेशन एंड सर्विलांस प्रणाली, फ्लीट मैनेजमेंट प्रणाली जैसी अन्य डिजिटलीकरण पहल कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में एनएमडीसी स्टील लिमिटेड से एनएमडीसी लिमिटेड का डीमर्जर समयबद्ध तरीके से पूरा हुआ और एनएसएल के शेयरों को 20 फरवरी को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया। परियोजना प्रबंधन, डिजिटल पहल और नीति निर्माण उनकी विशेषता है। उन्होंने एनएमडीसी के ऑस्ट्रेलिया प्रचालन को प्री-प्रोडक्शन स्टेज (गोल्ड) तक पहुंचाया है और आयरन ओर माइनिंग टेनेमेंट का मोनेटाइज करते हुए एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय खनन कंपनी हैनकॉक प्रॉस्पेक्टिंग के साथ एक रणनीतिक गठजोड़ को भी अंतिम रूप दिया है। एनएमडीसी में पदभार ग्रहण करने से पूर्व वे रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) में महाप्रबंधक (वित्त) के पद पर कार्यरत थे। 1996 से 2016 तक आईआरएएस में अपनी सेवा के दौरान उन्होंने पूर्व रेलवे में महत्वपूर्ण पद पर कार्य किया । आईआरएएस में कार्यग्रहण करने से पूर्व, उन्होंने 1994-1997 तक इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) में कार्य किए ।
इन्हें यह पुरस्कार मिला है
उन्होंने बड़े विनिर्माण उद्योग श्रेणी में वर्ष 2022 के लिए फाइनेंशियल एक्सप्रेस से एफई सीईओ ऑफ द ईयर पुरस्कार प्राप्त किया । सीआईआई ने उन्हें औद्योगिक विनिर्माण की सेक्टोरियल श्रेणी के तहत वर्ष 2022 के अग्रणी सीएफओ के रूप में मान्यता भी दी है। उन्हें भारतीय रेलवे में अपने कार्यकाल के दौरान वर्ष 2006 के दौरान उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया।