हैदराबाद/बस्तर न्यूज
राष्ट्रीय खनन कंपनी एनएमडीसी ने आज देश की अपनी तरह की पहली मोबाइल पर्यावरण प्रयोगशाला को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह अत्याधुनिक वाहन छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो रहा है, जहां इसे 1 नवम्बर को रायपुर में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड को सौंप दिया जाएगा।
कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अमिताभ मुखर्जी ने वी सुरेश, निदेशक (वाणिज्य), विनय कुमार, निदेशक (तकनीकी) और बी विश्वनाथ, सीवीओ की उपस्थिति में मोबाइल पर्यावरण लैब छत्तीसगढ़ के पर्यावरण स्वास्थ्य के लिए समर्पित की।
भारत का सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक, एनएमडीसी छत्तीसगढ़ के बैलाडीला क्षेत्र में एक प्रमुख खनिक है और राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मोबाइल पर्यावरण प्रयोगशाला छत्तीसगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों में सीईसीबी की परिवेशी वायु गुणवत्ता की वास्तविक समय में निगरानी को सक्षम करेगी। वाहन पर एक निरंतर परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (सीएएक्यूएमएस) और प्रयोगशाला में 6 पोर्टेबल सीएएक्यूएमएस के साथ, वाहन प्रदूषण की लगातार निगरानी और शिकायतों का तुरंत समाधान करने के लिए तैयार है। पानी और अपशिष्ट-जल गुणवत्ता विश्लेषण प्रणालियों से लैस, मोबाइल पर्यावरण लैब पानी का प्रबंधन करेगी और छत्तीसगढ़ के औद्योगिक बेल्ट से परिवेशी ध्वनि की गुणवत्ता भी रिकॉर्ड करेगी।
इस अवसर पर अमिताभ मुखर्जी ने कहा हमें छत्तीसगढ़ के इको-हेल्थ की बेहतरी में योगदान देकर खुशी हो रही है। एक स्थायी कार्रवाई प्रणाली के निर्माण की दिशा में पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम कार्यों की वर्तमान स्थिति को रिकॉर्ड करना और निगरानी करना है। एनएमडीसी को पर्यावरण प्रबंधन एवं जिम्मेवार खनन के क्षेत्र में अपनी अग्रणी पहल पर गर्व है।
जीईएम पोर्टल के माध्यम से क्रय की गई । प्रिमोवर भारत बेंज वाहन पर निर्मित इस पर्यावरण लैब में सीएएक्यूएमएस, स्पेक्ट्रो फोटोमीटर, ड्रोन, बीओडी मापने की प्रणाली, पोर्टेबल वाटर एनालिसिस लैब, ऑटोक्लेव और हॉट एयर ओवन सहित अन्य वैज्ञानिक उपकरण लगे हुए हैं।
कंपनी के ईएसजी सिद्धांतों को फलने-फूलने के लिए एक मजबूत नींव बनाने की दिशा में, एनएमडीसी ने आज एक समारोह में अपनी सुस्थिरता रिपोर्ट 2022-23 भी जारी की।