जगदलपुर/बस्तर न्यूज
संयुक्त राष्ट्र से जारी निर्देशानुसार पूरी दुनिया में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया। भारत के साथ ही अन्य देशों की कोशिशों से यह सफलता मिली है। भारत के साथ लिकटेंस्टीन, श्रीलंका, नेपाल, मैक्सिको और अंडोरा उन देशों के मुख्य समूह के सदस्य, जिन्होंने 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में विश्व ध्यान दिवस शीर्षक वाले प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित करने में अहम भूमिका निभाई। भारत ने कोर समूह के अन्य देशों के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अपनाए जाने की प्रक्रिया का मार्गदर्शन करते हुए भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि समग्र मानव कल्याण के लिए भारत का नेतृत्व हमारे सभ्यतागत सिद्धांत-वसुधैव कुटुम्बकम पर आधारित है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए पतंजलि योग की ज़िला समिति द्वारा संचालित सभी नियमित योग कक्षाओं सहित स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों को ध्यान- योग का विशेष अभ्यास कराया। स्थानीय दुर्गा मंदिर सभागार में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग प्रचारक यज्ञ सिंग के मुख्य अतिथि तथा भाजपा नगर अध्यक्ष सुरेश गुप्ता की अध्यक्षता में पतंजलि योग समिति के प्रदेश अध्यक्ष डा मनोज पानीग्राही के मार्गदर्शन में सक्रिय ध्यान का अभ्यास उपस्थित सैकड़ो योग साधको ने किया। वही संध्या विशेष ध्यान सत्र में एकलव्य आदर्श विद्यालय के 300 विद्यार्थियों के साथ आयोजित हुआ। पतंजलि महिला संगठन श्रीमती मान कोरम, श्रीमति प्रभाती भारत, हेमलता, इला राव के नेतृत्व में ग्राम बिलौरी तथा शिशु मंदिर शांति नगर में विशेष ध्यान सत्र आयोजित किया गया।
विश्व ध्यान दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने में मनोज चंद्रा, फूल सिंह साहू, उपाध्यक्ष पतंजलि योग समिति बस्तर जिला शक्ति सिंह चौहान, नरेश खत्री, रवींद्र हेमनानी, एच बी सिंह, अरुण त्रिपाठी, श्रीमती मान कोर्राम, शुक्ला दास, कुशुम, रेखा परमार, उषा पावर, हरिराम मंडावी आदि ने अपना सहयोग दिया।
कार्यक्रम संचालन ईल्ला हरी प्रसाद राव ने किया।