जगदलपुर/बस्तर न्यूज
जिला विपणन विभाग द्वारा जिले में धान खरीदी तथा उसका संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। किंतु ठेकेदारों द्वारा उचित भूसे की व्यवस्था नहीं करने की वजह से धन खराब होने की कगार पर है। नियानार संग्रहण केंद्र में पुराने भूसे को बोरे में भर कर धान रखा जा रहा है, जिससे धान खराब होने की संभावना बनी हुई हैं। वही पुराने गिले भूसे को बोरे में भरने वाले मजदूरों ने बताया कि इस सड़े हुए भूसे से कई जहरीले सांप निकल रहे हैं और हमारे एक साथी को सांप ने डसा हैं, जिसका ईलाज मेडिकल कालेज डिमरापाल में चल रहा है।
संग्रहण प्रभारी तथा ठेकेदार के प्रतिनिधि मिल से भूसा ना मिलने की बात कह कर अपना पला छड़ रहे। विभाग के आला अधिकारियों को इन संग्रहण केंद्रों का निरीक्षण करके इन कमियों को दूर करना चाहिए। अधिकारियों की उदासीनता का फायदा उठाकर ठेकेदार भूसे में गोलमाल करके मालामाल होने की फिराक में है। वही विभाग द्वारा ठेकेदार को नोटिस जारी करने की बात कही जा रही है।
जिले में धान खरीदी व परिवहन का हाल बेहाल है। विभाग इसे सुधार नहीं पाया। खरीदी शुरू हुई तो धान परिवहन के लिए परेशान हैं। धान का परिवहन नहीं होने से धान खरीदी बंद होने की स्थिति बनी रही। अब एक साथ धान का उठाव शुरू करने से संग्रहण केंद्र में धान अनलोड कराने ट्रको की कतार लगी है। कल नियानार संग्रहण केंद्र में 100 से अधिक ट्रक धान खाली कराने खड़ी रही। बताया गया कि धान की भूसी नहीं होने के कारण जमीन में स्टेक नहीं बना है। इसके चलते धान खाली नहीं हो रहा है। जिससे ट्रक चालक परेशान हो रहें है।
जिले के 79 उपार्जन केंदो में अब तक 1 लाख 11 हजार 579 टन से अधिक धान की खरीदी की गई है। ट्रांसपोर्टर के साथ जिले के आधा दर्जन मिलर्स भी धान का उठाव कर रहें है। नियानार धान संग्रहण केंद्र में पिछले 2 दिनों से 100 से ज्यादा ट्रकें खड़ी हुई है, क्योंकि स्टेक नहीं बना है। संग्रहण केंद्र में पर्याप्त मात्रा में भूसा, खाली बोरी न होने से यह स्थिति बनी है। इसके बिना धान रखने के लिए स्टेक नही बन पा रहा है। इस स्थिति में वाहन मालिकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। लोड एवं अनलोड कार्य करने के लिए बड़ी संख्या में मजदूर पहुंचते है।
जिले में मात्र 1816 टन धान का उठाव
जिले के 79 धान खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी चल रही है। बड़ी बात यह है कि अभी तक 111579 टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान का उठाव लगभग 1816 टन ही हुआ है। जिले के खरीदी केंद्रों में अभी भी 94596 टन धान रखा हुआ है।