जगदलपुर/बस्तर न्यूज
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महावीर इंटर कोंटीनेन्टल इंटरनेशनल सर्विस आर्गनाजीनेशन ने पुरातत्त्व संग्रहालय में मनाया। इस वर्ष की थीम तेजी से बदलते समुदायों में संग्रहालय का भविष्य था। जिसका उद्देश्य अपने संग्रहालय को अपनी स्थानीय समुदाय की बदलती जरूरत के अनुसार तैयार करना। इस अवसर पर संग्रहालय में संरक्षित विभिन्न मूर्तियों तथा अभिलेखों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई।
महावीर इंटर कोंटीनेन्टल के अध्यक्ष अनिल लुंकड ने बताया कि पुरातत्त्व संग्रहालय गैर लाभकारी एवं स्थायी संस्था है, जो कि मूर्त एवं अमूर्त दोनों प्रकार की धरोहरों का संरक्षण करती हैं। संग्रहालय का महत्वपूर्ण कार्य संकलन, संरक्षण एवं शोध है। संग्रहालय कई प्रकार के होते हैं, जैसे केन्द्रीय संग्रहालय, राज्य संग्रहालय, स्थानीय संग्रहालय एवं निजी संग्रहालय आदि। यूनेस्को द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाना प्रारंभ किया गया था पुरातत्त्व संग्रहालयों के विविध रूप है। जैसे रेल संग्रहालय, जैव संग्रहालय, कला संग्रहालय एवं पुरातत्त्व संग्रहालय आदि है।
मनीष मूलचंदानी ने कहा कि पुरातत्त्व संग्रहालय में रखी गई सामाग्री के बारे में नगरवासियो को भी जानकारी नहीं है। सभी समाज संगठनों को इस महत्वपूर्ण विभाग पुरातत्त्व संग्रालय में आकर पौराणिक व संस्कृति के विषय में जानने मिलेगा। साथ ही स्कुल कॉलेज के छात्र छात्राओ को भी यहां आना चाहिए।
इस संग्रहालय दिवस के अवसर पर राम नरेश पांडे, रतन व्यास, हरेश नागवानी, हरीश पाराशर व पुरातत्त्व विभाग से आत्माराम सोनवानी, मारकोले, नितेश यादव, श्रीनाथ कश्यप, सुनीता पुरैना उपस्थित रहे।