जगदलपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में शहर के शासकीय दंतेश्वरी पीजी महिला महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा “छत्तीसगढ़ संस्कृति और विकास की 25वीं वर्षगांठ” पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में विभागाध्यक्ष विधि काकतीय पीजी कॉलेज डॉ. मोहन सोलंकी, विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रमोद कुमार शुक्ला व्याख्याता (इंग्लिश) एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय करपावंड उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ बीए थर्ड सेमेस्टर की छात्रा आस्था झा द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ। साथ ही छात्रा नेहा कश्यप और सावित्री कश्यप ने राज्य गीत प्रस्तुत किया। प्राचार्य डॉ राजीव गुहे ने अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ और बस्तर के विकास की झलक के साथ छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के विकास के लिए संकल्पित लक्ष्यों को सभी के समक्ष रखा गया।
मुख्य अतिथि डॉ. मोहन सोलंकी ने अपने व्याख्यान में जनजातियों के विकास में छत्तीसगढ़ राज्य शासन के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने जनजातियों को सामाजिक भेदभाव और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का उल्लेख किया। जैसे कि शिक्षा और कौशल विकास, कृषि उत्पादन समग्र अभियान, सेवा केंद्र, पर्यटन और स्वरोजगार आदि। इसके अलावा बस्तर में जनजातियों के संरक्षण के लिए चलाई जा रही योजनाओं और संवैधानिक प्रावधानों पर भी चर्चा की। इसके बाद डॉ. प्रमोद शुक्ला ने बस्तर की संस्कृति और धरोहर पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। जिसमें उन्होंने बस्तर दशहरा, पर्यटन स्थलों और छत्तीसगढ़ की बोलियों के महत्व पर प्रकाश डाला।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं ने छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य और छत्तीसगढ़ के 25 वर्षों के विकास और पहचान की कहानी पर आधारित नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। आयोजन में डॉ. प्रिंसी दुग्गा, श्रीमती शबाना बेगम, डॉ गुलाब चंद साहू का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रही।