जगदलपुर

रक्तदान मानव सेवा के लिए पुनीत कार्य, सभी को करना चाहिए रक्तदान : सांसद

जगदलपुर । विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर जिला रेडक्रॉस सोसायटी के तत्वावधान में जिला महारानी चिकित्सालय परिसर के अंबक अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सांसद बस्तर महेश कश्यप ने कहा कि रक्तदान मानव सेवा का पुनीत कार्य है। उन्हें अनेक बीमारियों एवं ऑपरेशन के दौरान मरीजों को रक्त की अत्यंत जरूरत पड़ती है साथ ही दुर्घटनाग्रस्त लोगों को अक्सर खून की आवश्यकता होती है। कई बार समय पर रक्त उपलब्ध नहीं होने पर व्यक्ति की जान संकट में आ जाती है, ऐसे वक्त ब्लड बैंक में उपलब्ध खून मरीज को जीवनदान देती है।

कलेक्टर एवं अध्यक्ष रेडक्रॉस सोसायटी विजय दयाराम के. ने कहा कि रक्तदान महाभियान में सभी सक्रिय सहभागिता निभाएं । ताकि जरूरतमंद को तत्काल खून की उपलब्धता सुनिश्चित हो। उन्होंने रक्तदान शिविर में उपस्थित सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किए। जिला पंचायत उपाध्यक्ष मनीराम कश्यप सहित अन्य जनप्रतिनिधियो, कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत प्रकाश सर्वे, आईएफएस डॉ.वेंकटेश तथा अधिकारियों के साथ नव भारत समाचार पत्र के सिटी रिपोर्टर महेंद्र सेठिया ने भी उत्साह के साथ रक्तदान किया। वहीं समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों, सीआरपीएफ, पुलिस बल एवं होमगार्ड के जवानों, गणमान्य नागरिकों एवं बड़ी संख्या में युवोदय के स्वयंसेवक तथा एनसीसी कैडेट्स ने रक्तदान किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके चतुर्वेदी, सिविल सर्जन डॉ.संजय प्रसाद, रेडक्रॉस सोसायटी के उपाध्यक्ष एलेक्जेंडर चेरियन सहित जिला अस्पताल के चिकित्सक पैरामेडिकल स्टाॅफ तथा स्वयंसेवी रक्तदाता उपस्थित थे।

ब्लड ट्रांसफ्यूजन के जनक के जन्मदिवस पर मनाया जाता है विश्व रक्तदान शिविर

रक्तदान महादान की प्रासंगिकता बनाने में बल्ड ट्रांसफ्यूजन के जनक कार्ल लेंड स्टीन्जर का बहुत बड़ा योगदान है। उनका जन्म 14 जून 1868 में हुआ था और उनके जन्मदिवस पर प्रत्येक वर्ष विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है।

रक्तदान से कोई शारीरिक कमजोरी नहीं आती, बल्कि पुनर्चक्रण के द्वारा हमारा शरीर पुनः रक्त बनाता है

गौरतलब है कि कोई भी 18 से 60 वर्ष आयु वर्ग का स्वस्थ महिला या पुरुष रक्तदान कर सकता है। जिसका वजन 50 किलोग्राम या उससे अधिक हो। जिसका हीमोग्लोबिन कम से कम 12.5 ग्राम प्रति 100 मिलीलीटर हो। उल्लेखनीय है कि एक पुरुष या महिला के रक्तदान से कम से कम 4 मरीजों की जान बचायी जा सकती है। प्रत्येक पुरुष या महिला वर्ष में 4 बार रक्तदान कर सकते हैं अर्थात् प्रत्येक तीन माह में एक बार रक्तदान कर सकते हैं। हमारे शरीर में लगभग 5 लीटर रक्त होना है, एक समय में मात्र 300 मिलीलीटर रक्त ही निकाला जा सकता है। रक्तदान करने से कोई शारीरिक कमजोरी नहीं आती है बल्कि पुनर्चक्रण के द्वारा हमारा शरीर पुनः रक्त बना लेता है।

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