जगदलपुर/बस्तर न्यूज
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने नारे के साथ रहिबो लेकर रहिबो, मोदी की गारंटी लेकर रहिबो अब नई सहिबो अब नई सहिबो मोदी की गारंटी लेकर रहिबो नारे के साथ अगस्त क्रांति का एलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं आर डी तिवारी, प्रांतीय महामंत्री भानुशंकर नागराज, संभागीय अध्यक्ष अरुण देवांगन, संभागीय मंत्री, विधुशेखर झा, प्रवक्ता आर एन विश्वास, जिला संरक्षक अखिलेश कुमार त्रिपाठी, जिला अध्यक्ष दीपक बाजपेयी, निरंजन दास, आनंद अय्यर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक यादव, कोषाध्यक्ष पूर्णिमा देहारी, अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ डम्बेश्वरी जोशी ने सयुक्त रूप से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 6 अगस्त को इंद्रावती भवन (संचालनालय) से महानदी भवन (मंत्रालय) तक मशाल रैली एवं मंत्रालय के सामने प्रदर्शन होगा। मशाल रैली में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के घटक संगठनों के प्रांताध्यक्ष सहित प्रमुख पदाधिकारी, संभाग तथा जिला संयोजक सहित सभी पदाधिकारी शामिल होंगे। फेडरेशन ने चार स्तरीय झन कर इनकार हमर सुनव सरकार आंदोलन का घोषणा किया है। प्रथम चरण में 6 अगस्त को इंद्रावती भवन से महानदी भवन तक मशाल रैली एवं प्रदर्शन, द्वितीय चरण में 20 से 30 अगस्त तक सांसदों एवं विधायकों को ज्ञापन, तृतीय चरण में 11 सितंबर को जिला/ब्लॉक/तहसीलों में मशाल रैली का आयोजन एवं चौथे चरण में 27 सितंबर को सामूहिक अवकाश लेकर जिलों में धरना-प्रदर्शन का आयोजन होगा। यदि सरकार ने कर्मचारियों के हित को नजरअंदाज किया तो फेडरेशन अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लेने बाध्य होगा।
प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि मोदी की गारंटी भाजपा का घोषणा पत्र के अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान देय तिथि से महँगाई भत्ता एरियर्स सहित 1 जनवरी 24 से महंगाई भत्ता में 4% वृद्धि कर साथ 50% डी ए स्वीकृत करने, प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भत्तों के एरियर्स राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में जमा किये जाने भाजपा घोषणा पत्र के अनुसार प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान देने, केन्द्र के समान गृह भाड़ा भत्ता, भाजपा घोषणा पत्र अनुसार अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन देने का मुद्दा शामिल है।
छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारी अधिकारियों को केन्द्र के समान देय तिथि 1 जनवरी तथा 1 जुलाई को महँगाई भत्ता (DA) स्वीकृत नही करने का नीति से 1 जुलाई 2019 से 31 जुलाई 24 तक कर्मचारियों को जबरदस्त आर्थिक नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि चतुर्थ श्रेणी को 68750 रूपए, तृतीय श्रेणी को 108980 रूपए, द्वितीय श्रेणी को 193490 रूपए एवं प्रथम श्रेणी को 445880 रुपयों का न्यूनतम औसत नुकसान हुआ है।