जगदलपुर

हिरण के शिकारी आए गिरफ्त में, होगी कड़ी कानूनी कार्रवाई

जगदलपुर/बस्तर न्यूज

17 जुलाई 2025 को कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत तीरथगढ़ बिट कक्ष क्रमांक 165 में एक हिरण मृत अवस्था में पाया गया, जिसके शरीर में तीर लगा हुआ था। यह घटना नेशनल हाईवे 30 के जगदलपुर से दरभा रोड के मध्य पेदावाड़ा बैरियर के पास घटित हुई थी। मृत हिरण को परिक्षेत्र सहायक, बिट गार्ड एवं गश्ती दल द्वारा नियमित गश्ती के दौरान देखा गया था।

वन विभाग द्वारा इस घटना को गंभीर अपराध मानते हुए तत्काल उच्च अधिकारियों को सूचित किया गया। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के वरिष्ठ अधिकारी एवं फील्ड स्टाफ मौके पर पहुंचे तथा विधिवत पंचनामा कार्यवाही की गई। इस संबंध में पी.ओ.आर. क्रमांक 15378/03 दर्ज कर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की सुसंगत धाराओं के तहत अज्ञात शिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई प्रारंभ की गई।

वन विभाग द्वारा मामले की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए विशेष जांच दल का गठन किया गया, जिसने तीरथगढ़, पैदावाड़ा, दरभा एवं कोटमसर गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में सूचनाएं एकत्रित कीं। जांच के दौरान मुखबिरों की सूचना पर तीरथगढ़ के पटेलपारा से दो संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें पकड़ा गया। पूछताछ के के दौरान दोनों आरोपियों ने हिरण के अवैध शिकार की बात स्वीकार की तथा यह भी खुलासा किया कि इस घटना में उनके साथ अन्य व्यक्ति भी शामिल थे, जिनकी पहचान कर गिरफ्तार करने की कार्रवाई जारी है।

मुख्य वन संरक्षक सुश्री स्टॉयलो मण्डावी वन्यप्राणी के मार्गदर्शन में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक संदीप बालगा, सहायक वन संरक्षक कमल नारायण तिवारी एवं गठित विशेष जांच दल द्वारा संयुक्त कार्रवाई करते हुए दोनों अपराधियों को आज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस संपूर्ण जांच प्रक्रिया में उपवनमंडल अधिकारी चित्रकोट योगेश रात्रे एवं जांच टीम में शामिल परिक्षेत्र अधिकारी कोटमसर विंसेंट जैकब, परिक्षेत्र अधिकारी कोलेंग मनहर सिंह बघेल, प्रभारी रेंज असिस्टेंट कोटमसर पितवास भारती, प्रभारी रेंज असिस्टेंट दरभा परवेंद्र राय, बिट फॉरेस्ट ऑफिसर तीरथगढ़ वीरेंद्र भारद्वाज तथा बिट फॉरेस्ट ऑफिसर डूमर नायक द्वारा भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई, जिनके समन्वय व प्रयासों से यह कार्रवाई सफल रही। वन विभाग द्वारा क्षेत्र में गश्ती दल, गुप्तचर तंत्र तथा निगरानी की जा रही है। इसके अतिरिक्त संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है और घटना में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान जारी है।

वन विभाग पुनः स्पष्ट करता है कि वन्यप्राणियों के अवैध शिकार जैसी गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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