जगदलपुर/बस्तर न्यूज
बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य ने आज आयोजित प्रेसवार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर जिले में बन रहे सर्वसुविधायुक्त सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल निजीकरण की अग्रसर होते जा रहा है। और भाजपा नेताओं की चुप्पी इस बात जीता जागता उदाहरण है। ग्यारह मंजिल सर्व सुविधा युक्त बिल्डिंग बनाकर ठेकेदार ही बैठाना है, तो आदिवासी समाज को दे दे। केंद्र के सहयोग से चलने वाले इस अस्पताल को राज्य के साथ मिलकर कार्पोरेट घराना को सौंपने के लिए कार्य किया जा रहा है। और शर्तें भी ऐसा रखा गया है कि छत्तीसगढ़ के कोई भी अस्पताल भाग ही न ले पाए। अब स्थानीय विधायक यह बताएं की कार्पोरेट घोटाला का फंड कहां जाएगा? बस्तर के आदिवासियों के नाम पर कार्पोरेट भ्रष्टाचार कर सरकारी पैसा खर्च कर ठेकेदार ही बैठाना है तो आदिवासी समाज को दे ये हास्पिटल। ये भाजपा नेताओं का सीधा सीधा भ्रष्टाचार कर पैसा कमाने का जरिया है।। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी वाजपाई जगदलपुर आकर सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करके जाते हैं, पर सिर्फ निरीक्षण तक ही सीमित है। इनकी नीति और नीयत में साफ है कि आगे जाकर सरकारी अस्पतालों का नीजिकरण करना है। बस्तर जिले के कोपागुड़ा में दस साल से अस्पताल के नाम जमीन लेकर रखा लेकिन अभी तक नींव के लिए गड्ढा तक नहीं खुदा है।
अभी बस्तर जिले के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में न्यूरो सर्जन को एक लाख अस्सी हज़ार दे रहे हैं। जबकि बीजापुर, सुकमा में इससे ज्यादा वेतन डाक्टर ले रहे हैं। इस अस्पताल को एनएमडीसी नहीं चला सकता है, तो सरकार को दे दें। टेंडर कर प्रायवेट को कैसे दे सकते हैं? टेंडर का शर्त भी ऐसा रखें है कि दूसरे लोग भाग न ले ले।