जगदलपुर/बस्तर न्यूज
बस्तर जिला कॉंग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य के नेतृत्व में कांग्रेस का दल शहर में बेहतर व सुचारू रूप से कानून व्यवस्था संचालित करने के लिए व शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु बस्तर आईजी पी. सुंदरराज से मुलाकात की।
शहर कॉंग्रेस अध्यक्ष मौर्य ने कहा बस्तर हमेशा शांति का टापू रहा है, जो कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। पर भाजपा की सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ सहित बस्तर असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है मसीह समाज द्वारा जगदलपुर में होने वाले आयोजन को लेकर आज शहर की स्थिति तनावपूर्ण है, जो कि सीधे सीधे जिला प्रशासन की एक तरफा कार्यवाही व भाजपा नेताओं की पक्षपात रवैया को दर्शाता है। हमारी मांग है कि प्रत्येक समाज को उनके होने आयोजन में जिला प्रशासन को नियमपूर्वक संचालित कराना चाहिए जो कि जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है। बस्तर में हुए इस मामले को लेकर जिला प्रशासन को पूर्व में हस्तक्षेप किया जाना था जबकि इस आयोजन के प्रति तनाव व विरोध की स्थिति निर्मित थी। परंतु जिला प्रशासन द्वारा एक दिन पूर्व इस आयोजन को निरस्त करना जिला प्रशासन की विफलता है। शहर में बौद्ध समाज, मुस्लिम, सिख, सतनाम, जैनी समाज सहित अन्य समाज अपने विधि विधान अनुरूप अपने स्तर पर आयोजन करते हैं, एकता और सद्भावना के साथ त्यौहार मनाए जाते है, जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन व सरकार की होती है। परंतु जनप्रतिनिधियों के निष्क्रियता और पक्षपात की रणनीति के कारण जिला प्रशासन द्वारा किए गए एक तरफा कार्यवाही से आज शहर में धार्मिक भेदभाव बढ़ रहा है, जो कि जनहित और शहर के एकता व सद्भावना के विपरीत है मैं सभी समाज प्रमुखों से अपील करता हूँ कि आप सभी आगे आये और शहर के शांत प्रिय और स्वच्छ माहौल को फिर से वापस लाने में अपनी महती भूमिका निभाये।
विदित हों कि पाल दिनकरण के आगमन पर मसीही समाज तैयारी ज़ोर शोर से कर रहा है, वहीं उसके विरोध में बजरंग दल खड़ा होता है, परंतु जिला प्रशासन ने दोनों पक्षों को बैठाकर कोई रास्ता नहीं निकाला जिसके चलते आज मसीही समाज और बजरंग दल आमने सामने आ चुके हैं। जिससे शहर का माहौल पूरी तरह से ख़राब हों रहा हैं, जिसका भविष्य में भी प्रभाव ठीक नहीं होगा। जिला प्रशासन को अपनी गलतियों पर माफ़ी माँग कर तत्काल इसे सुधार करने का प्रयास करना चाहिए बस्तर में आज पर्यंत तक इस प्रकार धार्मिक आयोजन हुए । परंतु आपसी मतभेद और कट्टरवाद की स्थिति कभी निर्मित नहीं हुई। मसीह समाज द्वारा पूर्व में धरमपुरा ग्राउंड की परमिशन दी गई जिसे रद्द कर दिया गया जिसके पश्चात मसीह समाज ने अपने आयोजन हेतु चर्च सामाजिक ग्राउंड में तैयारियां की। बावजूद इसके जिला प्रशासन द्वारा अनुमति निरस्त कर दिया गया, जो कि बेहद निंदनीय व अफसोसजनक कार्य है । क्या समाज अपने खुद के आयोजन भी नहीं कर सकता? जिला प्रशासन का यह रवैया बिल्कुल गलत है। इसके पूर्व में भी नारायणपुर में ऐसे ही हालात निर्मित हुई थी। परंतु जिला प्रशासन द्वारा सही वक्त पर कोई सुध नहीं ली गई । जिसके चलते वहां पर भी स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई थी, जो कि जिला प्रशासन की विफलता थी। जिला प्रशासन को आपसी समन्वय बनाकर बेहतर कार्य करना चाहिए। जिससे समाज और प्रशासन में आपसी सामंजस्य बना रहे।
पूर्व महापौर जतिन जायसवाल ने कहा छत्तीसगढ़ हमेशा से शांतिप्रिय राज्य रहा है। यहां हर समाज अपने विधि विधान के साथ एकता, अखंडता व सामाजिक सौहार्दपूर्ण तरीके से अपने त्यौहार मनाते है किंतु भाजपा की महज 10 महीनों की सरकार से आज प्रत्येक समाज, वर्ग परेशान व आहत है मसीह समाज के आयोजन में जिला प्रशासन की निष्क्रियता उजागर हुई है। इस सरकार से कानून व्यवस्था नही संभल रही है। जनता को सुरक्षा देने में यह सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हो चुकी है,आने वाले समय में जनता इसका मुंह तोड़ जवाब जरूर देगी।
इस अवसर पर जितेंद्र अहुलवालिया, प्रशांत जैन, महामंत्री ज़ाहिद हुसैन, पार्षद विक्रम सिंह डांगी, लता निषाद, कोमल सेना, सुषमा सुता, आभास महंती, शुभम यदु, ललिता राव, बलदेव साहू, दयाराम नाग आदि मौजूद रहे।