जगदलपुर

बघीरा’ और ‘गरुड़’ ऐप से वन्य जीवों के सरंक्षण में मिल रही मदद : वन मंत्री

जगदलपुर/बस्तर न्यूज

वनमंत्री केदार कश्यप ने आज नारायणपुर विधानसभा अंतर्गत भाजपा मंडल भानपुरी के गांव सोनारपाल के परिवारजनों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात की सुनी। मंत्री कश्यप ने मन की बात के 110वें संस्करण सुनने के बाद कहा कि वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। वन्य जीवों को बचाने टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है। वहीं आज देश में ड्रोन दीदी की चर्चा हो रही है। महिलाएं प्राकृतिक खेती कर रही है। पीएम मोदी जी ने देशवासियों से कहा कि कुछ दिनों बाद 8 मार्च को हम महिला दिवस मनाएंगे। यह विशेष दिन देश की विकास यात्रा में नारी शक्ति के योगदान को प्रणाम करने का अवसर है। महान कवि भरतियार ने कहा है कि दुनिया तभी समृद्ध होगी, जब महिलाओं को समान अवसर मिलेंगे।

प्राकृतिक खेती को विस्तार दे रही महिलाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जिसमें देश की नारी-शक्ति पीछे रह गई हो। एक और क्षेत्र जहां महिलाओं ने अपनी नेतृत्व क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया है, वो है प्राकृतिक खेती, जल संरक्षण और स्वच्छता। केमिकल से हमारी धरती मां को जो कष्ट हो रहा है, जो पीड़ा हो रही है, जो दर्द हो रहा है, हमारी धरती मां को बचाने में देश की मातृशक्ति बड़ी भूमिका निभा रही हैं। देश के कोने-कोने में महिलाएं अब प्राकृतिक खेती को विस्तार दे रही हैं।

वन्य जीवों के साथ बिठाया जा रहा तालमेल

मन की बात कार्यक्रम को लेकर वनमंत्री केदार ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी छोटी से छोटी बातों का सूक्ष्म अवलोकन करते हैं। आज हम सबके जीवन में तकनीक का महत्व बहुत बढ़ गया है। मोबाइल फोन, डिजिटल गैजेट्स हम सबकी ज़िन्दगी का अहम हिस्सा बन गए हैं। डिजिटल गैजेट्स की मदद से अब वन्य जीवों के साथ तालमेल विकसित करने में मदद मिल रही है। कुछ दिन बाद, 3 मार्च को विश्व वन्य जीव दिवस है। इस दिन को वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व वन्य जीव दिवस की थीम में डिजिटल नवाचार को सर्वोपरि रखा गया है।

जल संरक्षण के लिए चौतरफा प्रयास कर रही महिलाएं

मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि पीएम मोदी ने कहा देश के कोने-कोने में महिलाएं अब प्राकृतिक खेती को विस्तार दे रही हैं। आज अगर देश में ‘जल जीवन मिशन’ के तहत इतना काम हो रहा है तो इसके पीछे पानी समितियों की बहुत बड़ी भूमिका है। इस पानी समिति का नेतृत्व महिलाओं के ही पास है। इसके अलावा भी बहनें-बेटियां, जल संरक्षण के लिए चौतरफा प्रयास कर रही हैं। कुछ वर्ष पहले तक किसने सोचा था कि हमारे देश में, गांव में रहने वाली महिलाएं भी ड्रोन उड़ाएंगी, लेकिन आज ये संभव हो रहा है। आज तो गांव-गांव में ड्रोन दीदी की इतनी चर्चा हो रही है, हर किसी की जुबान पर नमो ड्रोन दीदी, नमो ड्रोन दीदी ये चल पड़ा है। हर कोई इनके विषय में चर्चा कर रहा है। एक बहुत बड़ी जिज्ञासा पैदा हुई है।

ड्रोन की मदद से वन्यजीव संस्थान में मिल रहा काफी मदद

प्रधानमंत्री ने कहा आज युवा उद्यमी भी वन्य जीव संरक्षण और पारिस्थितिकी पर्यटन के लिए नए-नए नवाचार सामने ला रहे हैं। उत्तराखंड के रुड़की में रोटर प्रिसिशन ग्रुप ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से ऐसा ड्रोन तैयार किया है, जिससे केन नदी में घड़ियालों पर नजर रखने में मदद मिल रही है। इसी तरह बेंगलुरु की एक कंपनी ने ‘बघीरा’ और ‘गरुड़’ नाम का ऐप तैयार किया है। बघीरा ऐप से जंगल सफारी के दौरान वाहन की गति और दूसरी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। देश के कई टाइगर रिजर्व में इसका उपयोग हो रहा है। AI और इंटरनेट पर आधारित गरुड़ ऐप को किसी CCTV से जोड़ने पर वास्तविक समय की चेतावनी मिलने लगती है। वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में इस तरह के हर प्रयास से हमारे देश की जैव विविधता और समृद्ध हो रही है।

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