जगदलपुर

जिनके भाग्य प्रबल होते हैं, वही सुन पाते हैं देवी भागवत कथा : आचार्य

जगदलपुर/बस्तर न्यूज

मां दंतेश्वरी मंदिर में पहली बार आयोजित श्रीमद देवी भागवत महापुराण के छठवें दिन माता गंगा और राधा रानी की कथा सुनाते हुए महामाया धाम पाटन से पधारे आचार्य पंडित कृष्णकुमार तिवारी ने कहा कि हिंदुस्तान में बहने वाली सभी नदियां गंगा तुल्य है। नदियां को मां जैसा सम्मान दिया जाता है इसके बावजूद हम नदियों को संरक्षित करने में विफल हैं। नदियों की उपेक्षा मानव समाज के लिए आत्मघाती साबित हो रही है। जिस तरह मां बिन संस्कार नहीं, वैसे ही नदियों के बगैर समृद्ध संसार नही। इंद्रावती तो आपकी प्राणदायिनी है। यह सदियों से छत्तीसगढ़ महतारी के चरण पखारते आ रही है। इसे निर्मल और सदानीरा रखने की जिम्मेदारी आप सभी की है।

परीक्षा से ही परख

श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के छठवें दिन बुधवार को राजा हरिश्चंद्र की कथा सुनाते हुए आचार्य ने बताया कि सत्य की रक्षा के लिए राजा हरिश्चंद्र ने अपनी पत्नी, बच्चे और यहां तक स्वयं को बेच दिया और गुरु विश्वामित्र की परीक्षा में खरे उतरे। वे दुनिया में सत्यवादी के नाम से अमर हैं। परीक्षा से व्यक्ति की परख होती है, इसलिए शिक्षण संस्थानों में हर कक्षा के बच्चों की परीक्षा अनिवार्य रुप से होनी ही चाहिए। इससे बच्चों में प्रतिस्पर्धा के साथ एकाग्रता का भी विकास होता है।

भाग्य प्रबल बनाएं

इधर देवी महिमा की कथा का बखान करते हुए पंडित कृष्णकुमार तिवारी ने कहा कि कथा श्रवण करना कठिन कार्य माना जाता है। जिनके भाग्य प्रबल होते हैं वही देवी भागवत सुन पाता है। जो व्यक्ति सत्संग में शामिल नहीं होता वह अभागा है। ऐसे लोग कथा छोड़ हमेशा व्यथा में पड़े रहते हैं।

पालकी में सवार हुईं मां कात्यायनी

श्रीमद् भागवत महापुराण के छठवें दिन मां कात्यायनी की पालकी निकाली गई। बुधवार को यह पालकी मां दंतेश्वरी सेवा समिति के सदस्यों द्वारा निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई। गुरूवार को मां कालरात्रि की पालकी निकली जाएगी।

भक्तों ने किया गंगा स्नान

गंगा अवतरण की कथा के दौरान अनुष्ठान स्थल पर बैठे सभी श्रोताओं को गंगा स्नान कराया गया। इस दौरान छत्तीसगढ़ महतारी को समर्पित अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार। इंद्रावती पखारे तोर पईया, जयहो जयहो छत्तीसगढ़ मैया। यह राजगीत भी बड़े ही शिद्दत के साथ लोगों ने सुना।

21 मार्च के अनुष्ठान

गुरुवार 21 मार्च को श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के अंतर्गत तुलसी कथा और महिमा, शंखचूर्ण दैत्य की कथा श्रवण भक्त सुनेंगे। वही शाम सवा छह बजे माता कालरात्रि की सप्तम पालकी निकाली जाएगी।

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