जगदलपुर । वीर बाल दिवस के अवसर पर आज शहर के श्यामा प्रसाद मुखर्जी टाउन हॉल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि देश के महान सपूतों को नमन, जो धर्म के लिए मुगलों के सामने नहीं झुके। धर्म के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों साहबजादों की याद में प्रधानमंत्री की पहल पर पूरा देश वीर बाल दिवस मना रहा है। देश, संस्कृति के लिए सब कुछ न्यौछावर करने वालों इन वीर रियल लाईफ नायकों का वर्तमान के बच्चे प्रेरणा लें।
साहबजादों के कठोर बलिदान को जाने पूरा देश : किरण देव
कार्यक्रम में विधायक किरण देव ने साहबजादों की शहादत को नमन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इनके शहादत को सम्मान देने के लिए वीर बाल दिवस आयोजित करने को घोषणा की थी आम जनों को साहबजादों के कठोर बलिदान को पुरे देश को पता होना चाहिए। वर्तमान समय और आधुनिक संसाधनों के युग में स्कूली बच्चों को इन वीर सपूतों को याद रखना चाहिए।
कलेक्टर विजय दयाराम के. ने स्वागत उद्बोधन में वीर बाल दिवस के आयोजन के संबंध में जानकारी दी और बताया कि गुरू गोविंद सिंह के चार पुत्र बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने मुगलों के खिलाफ अपने क्षेत्र, संस्कृति, धर्म के लिए लड़ते हुए अपनी प्राणों की आहुति दी। सरकार ने इन वीरों की याद में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
कार्यक्रम में सिख सम्प्रदाय के प्रतिनिधि ने भारत सरकार द्वारा सिख संप्रदाय के दसवें गुरू गुरू गोविन्द सिंह के पुत्रों द्वारा देश की संस्कृति, धर्म की रक्षा में अपनी शहादत दी, उन्होंने प्रतिवर्ष वीर बाल दिवस मनाने के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही सभी गुरुओं के द्वारा इंसानियत के लिए किए कार्यों का भी वर्णन किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभिभाषण का प्रदर्शन किया गया। साथ ही वीर बाल साहबजादों से संबंधित वीडियो फिल्म और फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, गणमान्य जनप्रतिनिधि अतिथि, पार्षदगण, सीईओ जिला पंचायत प्रकाश सर्वे, नगर निगम आयुक्त हरेश मंडावी, जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान सहित अन्य गणमान्य नागरिक व स्कूली बच्चे उपस्थित थे।
गौरतलब है कि देश में हर साल 26 दिसम्बर को श्री गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों के सर्वोच्च बलिदान और साहस की स्मृति में वीर बाल दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य युवाओं, किशोरों, देश वासियों, महिलाओं में राष्ट्र निर्माण के लिए योगदान एवं मूल्यों को स्थापित और सुदृढ़ बनाना है।