दंतेवाड़ा । शासकीय दंतेश्वरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में जनजाति समाज का गौरवशाली अतीत ऐतिहासिक सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यशाला के मुख्य अतिथि विधायक चैतराम अटामी थे। इस कार्यशाला में सह प्राध्यापक (वानिकी) शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर डॉ.संजीवन भूआर्य ने इस विषय पर अपनी व्याख्यान प्रस्तुत किया। इसके अलावा कार्यक्रम के संयोजक डॉ. दिनेश कुमार लहरी ने बताया कि जनजातीय समाज सदियों से अपनी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को संरक्षित करता आया है। पूर्वजों द्वारा एक समृद्ध विरासत सौंपा गया है, जिसे आगे बढ़ाना होगा। समाज ऐतिहासिक रूप से संघर्ष और बलिदान का प्रतीक रहा है। और उनके द्वारा अपनी स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी गई है। समाज की व्यवस्था में सहयोग, समानता और न्याय की भावना हमेशा से विद्यमान रही है। समाज में हर व्यक्ति को सम्मान और अधिकार मिलता है आध्यात्मिक परंपरा जनजातीय समाज के जीवन के मूल्यों को समझने में मदद करती हैं। यह समाज के ऐतिहासिक संघर्ष, सामाजिक व्यवस्था और आध्यात्मिक परंपराओं को भी रेखांकित करता है।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक, डॉ. शिखा सरकार, डॉ. रत्ना बाला मोहंती, डॉ. के. एम. प्रसाद, सुश्री धारना ठाकुर, राजीव पानीग्राही, श्रीमती रेशमा एक्का, बंशीधर चौहान, श्रीमती सरला पैकरा, सिद्धार्थ देवागन, अमीत साहू समस्त अतिथि व्याख्याता, कर्मचारी, एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।