दंतेवाडा/बस्तर न्यूज
दंतेवाड़ा और सुकमा जिले की धरती पर इन दिनों बदलाव की एक नई लहर महसूस की जा रही है। कभी बीमारी, बेरोजगारी और सुविधाओं की कमी से जूझते ये गाँव अब धीरे-धीरे उम्मीद और विकास की राह पर बढ़ रहे हैं। यह बदलाव केवल योजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि हर घर की मुस्कान और हर बच्चे की आँखों की चमक में साफ झलकता है।
चिकित्सा – स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर घर तक पहुंच रही राहत
कभी जहाँ छोटी-छोटी बीमारियाँ भी बड़ी मुसीबत बन जाती थीं, वहीं आज एएम, एनएम इंडिया का आरोग्य कार्यक्रम गाँव-गाँव तक स्वास्थ्य की नई उम्मीद पहुँचा रहा है। किरंदुल बस्ती, फूलपाड़ और गुमियापाल में लगे स्वास्थ्य शिविरों ने सैकड़ों ग्रामीणों को राहत दी है। मलेरिया और ब्लड शुगर की जाँच से लेकर आँखों की रोशनी की देखभाल तक इन सेवाओं ने न सिर्फ समय रहते बीमारियों का पता लगाया, बल्कि लोगों को नए जीवन का विश्वास भी दिया। दर्जनों ग्रामीणों को चश्मे मिले, तो कई गंभीर बीमारियों का समय रहते उपचार हो सका। वहीं, महिलाओं और किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता की सही जानकारी ने उन्हें आत्मसम्मान और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का हौसला दिया। सुकमा में दिव्यांग भाई बहनों को मिले कृत्रिम अंग और थेरेपी ने उनके भीतर फिर से जीने की शक्ति जगाई है।
शिक्षा – ऊंची उड़ान को मिला सपनों को पंख
एएम,एनएम इंडिया मानता है कि शिक्षा ही असली विकास की नींव है। यही कारण है कि पहाड़ों और जंगलों में रहने वाले बच्चों तक भी ज्ञान की रोशनी पहुँचाई जा रही है। हाल ही में माँ भगवती आश्रम में छात्रों को एलईडी टीवी प्रदान किया गया, ताकि वे आधुनिक शिक्षा से जुड़ सकें। बेटियों को छात्रवृत्ति और मेधावी छात्र-छात्राओं को साइकिलें और बैग देकर उनकी पढ़ाई का सफ़र आसान बनाया गया। इतना ही नहीं, कुच्छारस, परिया और मारोकी गाँवों में नए विद्यालय भवनों का निर्माण कराया गया। इन पहलों ने सुनिश्चित किया है कि अब कोई भी बच्चा गरीबी के कारण पढ़ाई बीच में न छोड़े।
जल – जीवन में प्यास के महत्व को समझा
तृप्ति योजना के तहत ग्रामीणों के जीवन में स्वच्छ पानी की समस्या अब अतीत बनती जा रही है। तमोपारा, गादीरस और कुच्छारस जैसे गाँवों में लगाए गए सोलर आधारित जल प्रणालियों से अब 1300 से अधिक लोगों को शुद्ध पेयजल मिल रहा है। साफ पानी ने न केवल ग्रामीणों का स्वास्थ्य सुधारा है, बल्कि महिलाओं और बच्चों की रोज़ की मेहनत भी कम की है, जो पहले दूरदराज़ से पानी लाने में बीत जाती थी।
आजीविका – आत्मनिर्भरता की राह में नए अवसर
एएम,एनएम इंडिया ने आजीविका के क्षेत्र में भी नए अवसर पैदा किए हैं। कहीं सब्ज़ी की खेती और नर्सरी की पहल हो रही है, तो कहीं डिजिटल स्किल सेंटर युवाओं को आधुनिक शिक्षा देकर भविष्य की राह दिखा रहे हैं। इन पहलों से गाँव का युवा अब कंप्यूटर और डिजिटल दुनिया से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है।
सड़क, खेल और पर्यावरण – जीवन में नई ऊर्जा का संचार
गाँवों की उबड़-खाबड़ राहों की जगह अब सीसी रोड और नए मकान ले रहे हैं। पलनार में लगाए गए जनरेटर और किरंदुल बस्ती के पुनर्निर्मित घर ग्रामीणों के जीवन को और आसान बना रहे हैं। वहीं, सोलर स्ट्रीट लाइटें और स्वच्छता अभियान गाँवों में उजाले और स्वच्छता की नई पहचान बन गए हैं। खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने गाँवों को उत्सवमय बना दिया है। बच्चे और युवा वॉलीबॉल और क्रिकेट खेलकर अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं और आपसी भाईचारे को मज़बूत कर रहे हैं।