दंतेवाड़ा

नक्सलियों ने हिंसा की राह छोड़कर लोकतंत्र और सविंधान में जताया विश्वास

दंतेवाड़ा/बस्तर न्यूज 

जिले में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान तथा छ.ग. शासन की पुनर्वास नीति के तहत विगत कुछ माह में जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के द्वारा भटके हुए माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए लगातार संपर्क एवं संवाद किया जा रहा है । साथ ही प्रशासन की नक्सल पुनर्वास नीति का व्यापक प्रचार प्रसार गाँव गाँव तक किया जा रहा है जिसके परिणाम स्वरूप यह बदलाव माओवादी कैडर में दिखाई दे रहा है और बड़ी संख्या में माओवादी कैडर का आत्मसमर्पण देखने को मिल रहा है। नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सलवाद की ओर भटके युवा अब समाज के मुख्यधारा में जुड़ने का संकल्प करके 35 माओवादियों ने आत्मसमर्पण की इच्छा जाहिर करते हुये आज तहत पुलिस उप महानिरीक्षक दन्तेवाड़ा रेंज कमलोचन कश्यप, पुलिस उप महानिरीक्षक (परि.) सीआरपीएफ विकास कठेरिया, पुलिस अधीक्षक गौरव राय, द्वितीय कमान अधिकारी (परि.) सीआरपीएफ अनिल कुमार झा, द्वितीय कमान अधिकारी विवेक कुमार सिंह 111वीं वाहिनी सीआरपीएफ, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्मृतिक राजनाला एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकुमार बर्मन के समक्ष पुलिस कार्यालय में आत्मसमर्पण किये।

03 ईनामी सहित 35 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण

पुलिस अधीक्षक द्वारा आत्मसमर्पित माओवादियों को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पुनर्वास योजना के तहत् 25-25 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि एवं पुनर्वास योजना के तहत मिलने वाले सभी प्रकार के लाभ प्रदाय कराया जायेगा।लोन वर्राटू अभियान के तहत् अब तक 180 ईनामी माओवादी सहित कुल 796 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं।

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