दंतेवाड़ा । मानसिक, एवं आत्मिक शांति के लिए आध्यात्मिकता से बढ़कर बढ़कर कोई विकल्प नहीं है, यह हमें फिर से अधिक ऊर्जावान और हमें अपनी प्राथमिकताओं और प्रयासों को पुनः व्यवस्थित करने में सक्षम बनाता है इस कड़ी में विगत दिवसीय जिला जेल दंतेवाड़ा में कलेक्टर द्वारा निरीक्षण किया गया था। इस निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने बंदियों के खान पान, स्वास्थ्य शिक्षा संबंधित विषयों पर जिला जेल प्रभारी व बंदियों से बातचीत की थी। इस निरीक्षण के पश्चात जेल में स्वास्थ्य सुविधा हेतु स्वास्थ्य कर्मी प्रति दिवस अपनी सेवा दे रहे है
बदियो द्वारा कलेक्टर से भजन कीर्तन हेतु वाद्य यंत्र की मांग रखी गई थी। तदनुसार जिला प्रशासन द्वारा जिला जेल में दरी, ढोलक, हारमोनियम, मंजीरा करतल, घुघरू, ढपली आदि सामग्री उपलब्ध करायी गई है, जिससे बंदी गण, मनोरंजन के साथ आध्यात्मिकता से भी जुड़े, इस संबंध में जिला जेल प्रभारी जीएस सोरी ने बताया कि बंदियों द्वारा जेल में हफ्ते में एक दिन भजन कीर्तन किया जा रहा है। यह भजन कीर्तन न केवल हिन्दी में बल्कि क्षेत्रीय बोली में भी प्रस्तुत किया जाता है, बहरहाल बंदियों की मानसिक, सुकून, को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन की यह पहल वास्तव में सराहनीय है।