जगदलपुर । बस्तर के सुप्रसिद्ध कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का स्थापना दिवस तिरथगढ़ में मनाया गया। इस राष्ट्रीय उद्यान के स्थापना 22 जुलाई 1982 में की गई थी। कार्यक्रम में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के प्रबंधन एवं संरक्षण, इकोटूरिज्म में विशेष योगदान देने वाले इको-विकास समिति के सदस्य, जिप्सी सफारी संचालक, नेचर गाइड, मैना मित्र, मगर मित्र, पेट्रोलिंग गार्ड, मैदानी कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया ।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सीसीएफ मोहम्मद शाहिद, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशील गणवीर, विशिष्ट अतिथि के रूप में पर्यावरणविद डॉ सतीश जैन , वरिष्ठ लेखक शुभाष पांडेय, शिवप्रकाश सी जी रंगकर्मी, अनिल लुंकड़, श्रीमती महेश्वरी कश्यप सरपंच तीरथगढ़, एवं गागरा राम इको विकास समिती कामानार से उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीसीफ़ मोहम्मद शहीद ने आपने उद्बोधन में विभाग के सदस्यों को बधाई दी और कहा कि कांगेर घाटी में आने वाले हर पर्यटक यहां की खूबसूरती से मंत्र मुग्ध हो जाते है , साथ ही उन्होंने कहा की उद्यान में पर्यटको द्वारा प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने और जागरूक करने लोगों से अपील की।
कार्यक्रम में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशील गनवीर ने कहा कि सभी लोगों के सतत प्रयास से ही घाटी को विश्व मानचित्र में स्थापित होने में नई दिशा मिल रही है l प्राकृतिक खूबसूरती , जैव विवधता और आदिवासी संस्कृति का अनूठा मेल है कांगेर घाटी में जो देश और विदेश के पर्यटकों को लुभा रहा है ।