जगदलपुर

हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना ही हमारा संकल्प है : कौशिक

जगदलपुर/बस्तर न्यूज

बस्तर में इस बार श्री राम जन्मोत्सव बहुत ही भव्य और दिव्य मनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसके लिए श्रीराम जन्म महोत्सव समिति के साथ ही बजरंग दल द्वारा शहर से लेकर गांवों तक भगवा ध्वज के साथ ही बेनर पोस्टर लगाकर निमंत्रण पत्र बांटने का काम कर रहे है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। 30 मार्च को भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी।

उक्त बातें विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष लखिधर बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही । उन्होंने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम अयोध्या से लेकर दण्कारणय क्षेत्र के कण-कण में रामलला का वास है। लोगों में भगवान राम के प्रति अगाध विश्वास है। यही वजह है कि रामनवमी के दिन पूरा बस्तर राममय हो जाता है। उन्होंने बताया कि इस साल चौक चौराहों पर भगवान श्री राम की प्रतिमा स्थापित कर भजन-किर्तन प्रतिदिन चल रहा है। 30 मार्च को दंतेश्वरी मंदिर के सामने से भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी।

श्री राम जन्मोत्सव पर निकलेगी भव्य शोभायात्रा, हो गई सभी तैयारियां

इस अवसर पर राम जन्मोत्सव समिति के योगेन्द्र कौशिक ने कहा कि ग्रामीण अंचलाें में ग्रामीणों को बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। लगातार प्रार्थना सभा के आयोजन से ऐसा किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धर्मांतरण के चलते बस्तर में बस्तर में माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत एक हिन्दू राष्ट्र है, कानूनी रूप से घोषणा कराने के लिए हम जूट गए हैं।

आस्था का उमड़ेगा जनसैलाब

पत्रकार वार्ता में मौजूद रवि ब्रम्हचारी ने बताया कि पिछले साल श्री राम जन्मोत्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। इस साल आस्था का जन सैलाब उमड़ेगा। उन्होंने बताया कि शोभायात्रा में भगवान श्रीराम की झांकी के साथ पीछे उनकी सेना के रूप में हनुमान स्वरूप व अन्य लोगों का समूह चलेगा। भगवा ध्वज पर पुष्प वर्षा कर श्रीराम नाम का उद्घोष होगा।

किसी दूसरे धर्म से कोई आपत्ति नहीं

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने कहा कि भारत में रहने वाले सभी लोग पहचान के मामले में हिंदू हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू एक धर्म नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। हिंदुस्तान में रहने वाला हर नागरिक हिंदू हैं। दूसरे धर्म के रिति-रिवाज और पूजा पद्धति से हमें कोई आपत्ति नहीं है।

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