जगदलपुर । कलेक्टर जिला बस्तर के निर्देशानुसार, बस्तर एकेडमी ऑफ डांस आर्ट एंड लिटरेचर आसना के 25 विद्यार्थियों का दल शैक्षणिक भ्रमण के लिए खैरागढ़ गया हुआ था । 23 फरवरी को प्रातः इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में पहुँचकर दिनभर विश्वविद्यालय की गतिविधि से बादल अकादमी के छात्र रूबरू हुए। भ्रमण में सबसे पहले विश्वविद्यालय संग्रहालय का अवलोकन किया गया, वहाँ की मनमोहक मूर्तिकला, पेंटिंग और देसीया पेंटिंग का विद्यालय के चित्रकला विद्यार्थियों को निश्चित रूप से लाभ होगा। इसके पश्चात् दरबार हॉल का अवलोकन कराया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के इतिहास के बारे में जानकारी मिली। यहाँ नृत्य संकाय का अवलोकन कराया गया, जिसमें विद्यार्थी कत्थक नृत्य, ओडीसी, भरत नाट्यम को देखा एवं जाना।
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आई.डी. तिवारी एवं उनकी टीम ने बादल अकादमी के दल का सम्मान किया और क्षेत्र की संस्कृति एवं पर्यावरण की जानकारी भी दी। इस अवसर पर उन्हें बस्तर की पारंपरिक धुरवा पागा बाधँकर सम्मानित किया गया।
द्वितीय पहर में सबसे पहले विशाल लाईब्रेरी का अवलोकन कराया गया जहाँ पर लोक-संगीत, शास्त्रीय संगीत, विभिन्न नृत्य, पेंटिंग एवं अन्य प्रमुख विषयों पर लिखी गई पुस्तकों का अथाह भंडार हैं। यहाँ से चित्रकला संकाय देखने का सौभाग्य मिला । यहाँ पर विद्यार्थियों को चित्रकला, मूर्तिकला, केनवास पेंटिंग आदि सिखाया जा रहा था जिसे देखने से बादल में अध्ययन कर रहे चित्रकला संकाय के विद्यार्थियों को भविष्य में काफी लाभ होगा। साथ ही लोकसंगीत संकाय देखने जानने का अवसर मिला, जहाँ पर जन्म संस्कार गीत, विवाह संस्कार गीत, पंथी नृत्य, वाद्य यंत्र आदि से अवलोकन कराया गया।
इस पूरे भ्रमण में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आई.डी. तिवारी, डॉ. दीपशिखा पटेल, नथूलाल तोड़े, जनसंपर्क अधिकारी डोंगरे और कई लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
भ्रमण बादल प्रभारी के मार्गदर्शन में और शिवनाराण पाण्डे विभागाध्यक्ष भाषा संकाय हल्बी के नेतृत्व में तथा दीपेश कुमार ध्रुव, योगेश साहनी, कु. नुपूर दास महानंदी के द्वारा सम्पन्न कराया गया। यहा शैक्षणिक भ्रमण बादल के विद्यार्थियों के लिए अवश्य ही मिल का पत्थर साबित होगा और संगीत, चित्रकला, वादन एवं गायन आदि में बादल के विद्यार्थी भी भविष्य में क्षेत्र का नाम रौशन करेंगे।