जगदलपुर । (बस्तर न्यूज) माननीय उच्च न्यायालय में भूपेश बघेल सरकार द्वारा आदिवासियों के पक्ष में ठीक से बात नहीं रख पाने के कारण लोक सेवा आरक्षण संशोधन विधेयक अपास्त हो गया है।
भाजपा जिला अध्यक्ष रूप सिंह मंडावी ने कहा कि आदिवासियों के 32% आरक्षण पर कांग्रेस सरकार की नाकामी के गंभीर दुष्परिणाम अब सामने आने लगे है। बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग में 2012 से तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्तियों में जो स्थानीय निवासियों द्वारा ही भरा जाना अनिवार्य था उसे भी अब इस कांग्रेस सरकार द्वारा आदेश निकालकर छीन लिया गया है । इसके लिए स्पष्ट रूप से भूपेश सरकार जिम्मेदार है। आदिवासियों के हितों पर एक के बाद एक कैंची चलाने वाले भूपेश बघेल से हम पूछना चाहता है की और कौन कौन से संवैधानिक हक आदिवासियों के आप छीनेंगे।
रूप सिंह मंडावी का कहना है कि आदिवासियों के कल्याण उनके उत्थान के आप विरोधी है, विगत चार सालों में छत्तीसगढ़ की जनता यह जान चुकी है। आरक्षण के अलावा शासकीय कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण पर भी राज्य सरकार की नाकामी सबके सामने है । प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से जनजाति वर्ग के हमारे कर्मचारियों को पदोन्नति में भी लाभ मिलना बंद हो गया है। इसी प्रकार डॉ. रमन सिंह जी के नेतृत्व वाली हमारी भाजपा सरकार ने 2017 में 22 जनजाति समूह के स्वरात्मक और मात्रात्मक त्रुटि को दूर करते हुए उन्हें जनजाति प्रमाण पत्र देने की सुविधा प्रदान की थी, इस पर भी भूपेश बघेल की सरकार उच्च न्यायालय में बचाव नहीं कर पाई और ये आदेश भी निरस्त हो गया।
अगर आपमें आदिवासी समाज के प्रति जरा भी संवेदनशीलता और सहानुभूति बाकी है तो शीघ्र ही विधानसभा में अध्यादेश लाकर आदिवासियों को उनके जनसंख्या के अनुपात में 32% आरक्षण प्रदान करके उनका संवैधानिक अधिकार वापस करो ।
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा आगामी 8 अक्टूबर को बस्तर, सरगुजा और दुर्ग संभाग में एनएच पर चक्का जाम कर प्रदर्शन किया जायेगा। 9 अक्टूबर से जनजाति बहुल क्षेत्रों में ग्राम संपर्क अभियान चलाकर गांव गांव में हस्ताक्षर अभियान चलाया जायेगा। 13 से 18 अक्टूबर तक कांग्रेस के जनजाति समाज के विधायक और सांसद के निवास का घेराव कर उनसे इस मुद्दे पर जवाब मांगा जायेगा।
उपरोक्त बातें जारी प्रेस विज्ञप्ति में भाजपा जिला अध्यक्ष रूप सिंह मंडावी ने कही है ।