जगदलपुर। बस्तर दशहरा समिति की बैठक आज कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। जिसमें सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, महापौर, नगर निगम सभापति, माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रतीक जैन, वन मंडलाधिकारी उत्तम गुप्ता, अपर कलेक्टर बस्तर सी पी बघेल, ऋषिकेश तिवारी, अपर कलेक्टर नारायणपुर पंचभोई, आयुक्त नगर पालिक निगम प्रवीण वर्मा , तहसीलदार एवं बस्तर दशहरा समिति के सचिव रुपेश मरकाम सहित मांझी, चालकी, मेम्बर, मेम्बरिन, पुजारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
बैठक में नए उपाध्यक्ष का चुनाव किया गया, जिसमें बलराम मांझी को सर्वाधिक मांझी की सहमति मिली। सांसद ने नवनियुक्त उपाध्यक्ष को बधाई देते हुए कहा कि बस्तर दशहरा हमारी बहुत पुरानी परंपरा और संस्कृति है, हमारे पूर्वजों ने आमचो बस्तर की स्थानीय संस्कृति, रीति- रिवाज, लोक परंपरा को सहेजकर रखा है। हमे भी इस परंपरा संस्कृति को संरक्षित करना है। संस्कृति को जीवित रखने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। दशहरा में सभी समाज की सहभागिता रहती है, दशहरा में अलग-अलग समाज अपने दायित्व का निर्वहन करते है यह सामाजिक एकता का प्रतीक है।
इस दौरान माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव ने कहा कि दशहरा में क्षेत्र के देवी-देवताओं और विभिन्न समुदायों की भागीदारी का अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने इस पर्व में विशेष भूमिका निभाने वाले मांझी, चालकी, सेवादारों की रिक्त पदों भर्ती सभी करवाने की पहल करने की मांग की।
दशहरा वन में एक पेड़ बस्तर के देवी-देवताओ के नाम से होगा पौधरोपण
बस्तर दशहरा के आयोजन समिति के बैठक के उपरांत अतिथि और मांझी, चालकी के द्वारा नकटी सेमरा में स्थित दशहरा वन स्थल में पौधरोपण किया गया। यह पौधें बस्तर दशहरा में उपयोग की जाने वाली लकड़ी फुल से संबंधित पौधों का रोपण किया गया है। ज्ञात हो कि बस्तर दशहरा हेतु प्रति वर्ष रथ निर्माण के लिए लगभग 200 पेड़ काटा जाता है। रथ निर्माण के लिए कोमी, घमन, पारा, मगरमुही जैसे विभिन्न किस्मों के पेड़ो को काटा गया है। इन पेड़ो की प्रतिपूर्ती हेतु बस्तर दशहरा पर्व के अन्तर्गत वृक्षारोपण कार्य एक पेड़ बस्तर के देवी-देवताओं के नाम के किया गया।