दंतेवाड़ा/बस्तर न्यूज
आदिवासी बहुल दंतेवाड़ा जिले में इमली, महुआ जैसी लघु वनोपजों, जैविक सब्जियों, फलों और मिलेट्स के परिरक्षण और उनकी ताजगी बनाए रखने के लिए 25 करोड़ रूपए की लागत से प्रसंस्करण और कोल्ड स्टोरेज इकाई की स्थापना की जाएगी। राज्य सरकार के प्रस्ताव को केन्द्र सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान से चर्चा कर इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया था।
जनजातीय परिवारों की आय को बढ़ावा देने और उपजों के संग्रहण के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, दंतेवाड़ा जिला प्रशासन पातररास गांव में एक एकीकृत कोल्ड चेन और बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण सुविधा स्थापित किया जा रहा है। यह अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना 2024 के तहत भारत में अपनी तरह की पहली सरकारी नेतृत्व वाली सुविधा बस्तर क्षेत्र में वन और बागवानी उत्पादों के भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन के तरीके को बदलने के लिए तैयार है।
बस्तर अंचल के लिए यह एक युगांतकारी कदम साबित होगा। इस इकाई की स्थापना से इमली सहित अन्य उपजों के प्रसंस्करण, संरक्षण और निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही स्थानीय किसानों और लघु वनोपज संग्राहकों को उपज का उचित मूल्य मिलेगा, रोजगार के नए अवसर निर्मित होंगे और आर्थिक समृद्धि व सतत विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। 24.98 करोड़ रूपए की लागत वाली यह परियोजना जिला परियोजना आजीविका महाविद्यालय सोसायटी दंतेवाड़ा द्वारा कार्यान्वित की जा रही है, जो जनजातीय क्षेत्रों में आजीविका सृजन के लिए प्रतिबद्ध एक सरकारी पंजीकृत निकाय है।
उपजों के संग्रहण के बाद की कमी को पूरा करेगी परियोजना
दंतेवाड़ा और आस-पास के जिलों में प्रचुर मात्रा में लघु वन उपज जैसे इमली, महुआ, जंगली आम, बाजरा और देशी मसाले पाए जाते हैं। हालांकि, उचित भंडारण, संरक्षण और मूल्य-संवर्धन बुनियादी ढांचे की कमी के कारण इस उपज का 7-20 प्रतिशत हिस्सा हर साल नष्ट हो जाता है। नई सुविधा कोल्ड स्टोरेज, गामा विकिरण, प्रसंस्करण और लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे को मिलाकर उपजों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने, खराब होने को कम करने और स्थानीय उत्पादों की बाजार पहुंच क्षमता में सुधार करके इस महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करती है।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
राज्य द्वारा आवंटित भूमि पर ग्राम पातररास, दंतेवाडा में स्थित इस परियोजना में शामिल हैं :
1500 मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज
1000 मीट्रिक टन फ्रोजन स्टोरेज
5 स्टेजिंग कोल्ड रूम (प्रत्येक 30 मीट्रिक टन)
ब्लास्ट फ्रीजर और पकने वाले चैम्बर
गामा विकिरण इकाई (कोबाल्ट-60 स्रोत के साथ 1000 केसीआई)
3 रेफ्रिजरेटेड परिवहन वाहन (क्षमता प्रत्येक 9 मीट्रिक टन)
सौर ऊर्जा प्रणाली (70 किलोवाट)
वार्षिक रूप से 10,000 मीट्रिक टन से अधिक उपजों की प्रसंस्करण क्षमता के साथ होगा।
यह परियोजना दंतेवाड़ा, बस्तर, बीजापुर, सुकमा, कोंडागांव और नारायणपुर में किसानों और लघु वनोपज संग्राहकों के लिए लाभप्रद होगी।