दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने अपने दंतेवाड़ा जिले के प्रथम प्रवास की शुरुआत मां दंतेश्वरी के दर्शन करने उपरांत उन्होंने बाल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं एवं सेवाओं की समीक्षा हेतु विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की। इस बैठक में उन्होंने आयोग द्वारा पूर्व में जारी अनुशंसाओं के क्रियान्वयन को संवेदनशीलता एवं परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण से लागू करने के निर्देश दिए। जिससे बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा मिल सके।
बच्चों को मिले सभी बुनियादी सुविधाएं
बैठक के दौरान अध्यक्ष ने बाल कल्याण समिति के सदस्यों के साथ संवाद करते हुए जिले में संचालित बाल देख रेख संस्थाओं का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करने, शिक्षा विभाग द्वारा संचालित आश्रम शालाओं में बरसात पूर्व मरम्मत कार्य शीघ्र पूर्ण कराने एवं बच्चों को सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
एकल खिड़की प्रणाली की स्थापना
बाल श्रम के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत रेस्क्यू किए गए बच्चों एवं उनके परिजनों को सशक्त बनाने हेतु श्रम विभाग में “एकल खिड़की” की स्थापना किए जाने की घोषणा की गई। इस एकल खिड़की के माध्यम से बच्चों व उनके परिवारों को एक ही स्थान से विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
बालगृह का निरीक्षण और संवाद
बैठक के उपरांत डॉ. शर्मा ने बालिका गृह का निरीक्षण कर वहाँ रह रही बच्चियों से संवाद किया। उन्होंने बच्चियों की रुचियों, आवश्यकताओं एवं समस्याओं की जानकारी ली। इस दौरान बच्चियों ने नृत्य एवं गीत की सुंदर एवं मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे माहौल आनंदमय हो उठा। अध्यक्ष महोदय ने संस्थान में परोसे जा रहे रात्रिकालीन भोजन की गुणवत्ता स्वयं परखने के लिए भोजन भी ग्रहण किया, जिसे उन्होंने संतोषजनक बताया।
इस अवसर पर बाल कल्याण समिति के सदस्यगण, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य, जिला स्तरीय निरीक्षण समिति की सदस्य श्रीमती पार्वती परिहार, जिला कार्यक्रम अधिकारी, विशेष किशोर पुलिस इकाई, श्रम विभाग एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।