जगदलपुर/बस्तर न्यूज
छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष सलीम राज अपने दो दिवसीय बस्तर प्रवास पर आज स्थानीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए पत्र वार्ता में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड की जमीन पर वर्षों से अतिक्रमण हो रहा है। पहले बोर्ड की जमीन पर दुकानों का किराया 75 रुपए, 100 रुपए था। मगर वर्तमान समय में बोर्ड की जमीन पर दुकान का किराया दस हजार या पंद्रह हजार होना चाहिए। वह बोर्ड की जमीन पर जिन लोगों ने किराए पर ले रखा है, उन्हें हम समझाएंगे कि वर्तमान समय पर यह किराया है, वह दे अन्यथा अतिक्रमण हटाया जाएगा। इसलिए बोर्ड के समस्त सदस्यों ने समाज के उत्थान व शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने हेतु निर्णय लिया गया है।
वहीं एक अन्य सवाल के जवाब में सलीम राज ने कहा कि बस्तर जिला अंजुमन इस्लामिया कमेटी में अनियमिताओं की जानकारी बोर्ड को मिली है। कलेक्टर को इस संबंध में जानकारी दे दी गई है। जांच रिपोर्ट आने पर निश्चित ही इस पर कार्यवाही की जाएगी।
छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अन्य सदस्यों ने भी पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा जैसे हिंदू मंदिरों में दान करते हैं, वैसे ही इस्लाम धर्म को मानने वाले अपनी जमीन मद्रास बोर्ड को दान करते हैं और उससे जो आय होता है, उसे समाज के लोगों के उत्थान के लिए उपयोग किया जाता है। 2013 के बाद बोर्ड को यह अधिकार मिला है, कि वह किराए को बढ़ा सकता है और किराए पर जमीन 3 साल से ज्यादा समय तक नहीं दे सकता है। समाज के कई लोग बोर्ड को समझते ही नहीं है। उन्हें जानकारी ही नहीं है कि छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड का क्या काम है। जैसे हिंदू समाज के लोग तीर्थ में खर्च करते है, ताकि मोक्ष मिल जाए। वैसे ही हमारे यहां भी दान करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इसका प्रयोग मानव समाज के उत्थान में होगा और उसका पुण्य हमको मिलेगा। मुसलमान की जिंदगी अल्लाह को राजी करने के लिए है, वह पैदा ही इसलिए हुआ है।