जगदलपुर/बस्तर न्यूज
आज कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कॉंग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि 10 और 11 अगस्त के बीच बस्तर के चार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार बाप्पी राय, निशू त्रिवेदी, मनीष सिंह और धर्मेंद्र सिंह को अंतर्राज्यीय रेत माफियाओं का पर्दाफाश करने छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र कोन्टा गये हुए थे, जिन्होंने रंगे हाथों रेत से भरी टिप्परों को रोका और उनसे जानकारी लेने सवाल पूछे जहां कोन्टा टीआई अजय सोनकर पहुंचते हैं और उनसे तू-तू-मैं-मैं करते हुए धमकी देते हैं, जिसके बाद सड़यंत्रपूर्वक पत्रकारों की गाड़ी में गांजा प्लांट किया जाता है और आंध्रप्रदेश के चिंतूर पुलिस को इसकी सूचना दी जाती है, गाड़ी में गांजा रखे होने की जानकारी से अनभिज्ञ चारों पत्रकार चाय पीने जब बार्डर पार कर चिंतूर पहुंचते हैं, वहां की पुलिस उन्हें गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर लेती है ।
हमारा आंध्र प्रदेश व छत्तीसगढ़ सरकार से ये सवाल हैं
पहला चारों पत्रकार दो दिनों तक चिंतूर थाना में रहते हैं, परंतु छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा उन्हें बचाने कोई पहल क्यों नहीं करते।
दूसरा आंध्रप्रदेश में भाजपा की सहयोगी पार्टी की सरकार है, बावजूद इसके छत्तीसगढ़ सरकार पत्रकारों के खिलाफ झूठा मामला बनने क्यों देती है।
तीसरा पत्रकारों के दबाव में कोन्टा टी आई पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने मात्र से क्या होगा। सरकार इस बात की जांच क्यों नहीं करती। इस पूरे रेत की तस्करी के पीछे छत्तीसगढ़ के किन-किन भाजपा नेताओं का हाथ है। क्योंकि बिना राजनीतिक संरक्षण के इतने बड़े स्तर पर तस्करी को अंजाम नहीं दिया जा सकता।
चौथा कोन्टा टी आई अजय सोनकर ने कहा था नेताजी को बता देना, ये नेताजी कौन है ? भाजपा बताएं।
पांचवां बस्तर के चारों निर्दोष पत्रकारों को रिहा कराने सरकार अब तक क्या पहल की है, और आगे क्या रणनीति बनाई है यह स्पष्ट करे।
छटवां क्या इस पूरे मामले को लेकर सुकमा एसपी ने आन्ध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम जिला एसपी से कोई पत्र व्यवहार किया है।
नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचने किसी भी प्रयास का कांग्रेस विरोध करेगी : दीपक बैज
नगरनार स्थित एनएमडीसी इस्पात संयंत्र को मोदी सरकार छत्तीसगढ़ में एनएमडीसी के द्वारा बनाये गये इस्पात संयंत्र को बेचने जा रही है। नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचने के खिलाफ छत्तीसगढ़ के बस्तर की जनता विरोध में है। बस्तर की जनता ने निजीकरण के खिलाफ बस्तर बंद का आहवान किया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई मौकों पर निजीकरण को लेकर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था । 21 फरवरी 2021 को नीति आयोग की बैठक में तो उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्ताव रखा था कि राज्य सरकार प्लांट के संचालन की ज़िम्मेदारी लेने को तैयार है। छत्तीसगढ़ की विधानसभा ने इस आशय का प्रस्ताव पारित कर केन्द्र को भेजा था।
विधानसभा चुनाव के पहले बस्तर की जनता से आमसभा में 3 अक्टूबर 2023 को वादा किया था कि नगरनार इस्पात संयंत्र बस्तर की जनता की संपत्ति है इसे नहीं बेचा जायेगा । कांग्रेस पार्टी बस्तर के नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचने के किसी भी प्रयास का विरोध करती है । इस संयंत्र के लिये बस्तर के आदिवासियों ने अपनी जमीन एनएमडीसी के नगरनार स्टील प्लांट को दी थी। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के जरिए इस जमीन का मकसद बस्तर का विकास था। आदिवासियों ने अपनी जमीन मुआवजे के लिये नहीं दी थी, बल्कि इसलिए दी थी, कि आने वाले समय में उनको रोजगार मिल सके और साथ ही क्षेत्र का विकास हो । कांग्रेस इसको लेकर छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में जन आंदोलन छेड़ेगी।
इस प्रेसवार्ता के दौरान प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदु, वरिष्ठ कांग्रेसी मिथलेश स्वर्णकार, रेखचन्द जैन, चंदन कश्यप, सतपाल शर्मा, शंकर राव, रामशंकर राव, अंगद प्रसाद त्रिपाठी, हनुमान द्विवेदी, कविता साहू, उदयनाथ जेम्स, राजेश राय, जावेद खान, अजय बिसाई, विशाल खंबारी, महेश सिंह आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।