जगदलपुर/बस्तर न्यूज
सड़कें विकास की पहली सीढ़ी होती हैं, लेकिन आज के दौर में प्रशासन की उदासीनता के चलते विकास के इस प्रतीक की परिभाषा अतिक्रमण और अवैध कब्जों का शिकार हो चली है। ग्रामीण एरिया हो या अर्बन एरिया हर जगह सड़कों पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण की प्रतियोगिता सी चलती नजर आ रही है। अतिक्रमणकारी अब सरकारी जमीन के साथ निजी पट्टे की जमीन पर भी कब्जा कर रहें है। सरकारी और निजी लगभग 50 एकड़ पर कब्जा कर लिए और अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है।
नगर के कुम्हारपारा एननएमडीसी चौक राष्ट्रीय राजमार्ग 32 और 64 के दोनों ओर धड़ल्ले से अवैध कब्जा कर छोटे-छोटे झोपड़ी और मकान बना रहे हैं। सड़क के दोनों ओर तेजी से अवैध निर्माण देखे जा सकते हैं। लेकिन संबधित विभाग के अधिकारी अवैध कब्जा धारकों से स्वार्थपूर्ति कर आंखें बंद किए बैठे हैं। अवैध कब्जा करने वाले अधिकांश ओडिशा से आए लोग है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते भविष्य में सड़क चौड़ीकरण में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। पिछले कुछ दिनों से निजी पट्टे की जमीन पर भी कब्जा कर रहें है। आनंद ढाबा से लेकर गोरिया बहार नाला तक 100 से अधिक लोगों ने रस्सी बाँध कर कब्जा कर लिया है। रास्ट्रीय राजमार्ग किनारे इतनी बड़ी अवैध कब्जा के बाद भी विभागीय अधिकारी मुकदर्शक बने हुए है।
एनएच के पास दर्जन भर से अधिक बन गए झोपड़ी
एननएमडीसी चौक से रायपुर जाने वाली मार्ग पर तेजी से सड़क किनारे अवैध कब्जा कर रहे हैं। पिछले एक साल के अंदर एक दर्जन से अधिक लोगों ने झोपड़ी बनाने के साथ ही दुकान और मकान बना रहे हैं। संबधित विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
यह है अधिनियम
राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क के मध्य रेखा से 75 फुट अंतराल छोड़ना आवश्यक है। यह दूरी छोड़ने के पश्चात ही कोई खुला निर्माण या बाउंड्री आदि निर्माण कार्य कर सकते हैं। लेकिन अधिकारी आंखें बंद कर रखें है। इसके चलते एनएच की जमीन पर अवैध कब्जा हो रहा है।