जगदलपुर। 13 मार्च को कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के द्वारा बस्तर आर्ट गैलरी में नाटक आमचों बस्तर का मंचन किया गया। नाटक बस्तर के जंगल, लोक जीवन और लोक कथा पर आधारित था। नाटक का निर्देशन विख्यात नाट्य रंग निर्देशक राजकमल नायक द्वारा किया गया। इस नाटक से बस्तर की संस्कृति और यहां के प्रकृति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह प्रयास किया गया है। इस नाटक को तैयार करने के लिए राजकमल नायक द्वारा जगदलपुर में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के सौजन्य से 15 दिवस की कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमें लगभग 30 से अधिक स्थानीय कलाकारों को प्रशिक्षण दिया गया एवं अंतिम रूप में आमचो बस्तर नाटक तैयार हुआ।
लोगों तक बस्तर की सकारात्मक छवि और बस्तर में पर्यटन के बढावा देना उद्वेश्य है : संचालक
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के संचालक धम्मशील गणवीर ने कहा कि वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार बस्तर का लोक जीवन तथा बस्तर के आदिवासी समुदाय कैसे जंगलों से गहरा संबंध रखते हैं । इस संबंध में नाटक के माध्यम से देश और दुनिया के लोगों को तक पहुंचाने का प्रयास है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा, नगर पुलिस अधीक्षक उदित पुष्कर, अभिनव कुमार प्रशिक्षु आईएफएस, एमए रहीम, निर्मल सिंह राजपूत, संजय त्रिवेदी, शरद चंद्र गौड़, सुश्री उर्मिला आचार्य, बालवीर कच्छ, खेम वैष्णव, अनिल लुकड़, किशोर पारेख, जीएस मनमोहन व विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे ।
इसमें मुख्य कलाकार विक्रम सोनी, लक्ष्मी कश्यप, भरत गंगादित्य, धीरज कश्यप, जैनेंद्र सिंह, पार्थ आचार्य, भूमिका निषाद, नूपुर महानंदी, मनीकेतन नाग, कृष्ण खातून कुमार, अंजलि बेहरा, सुशीला बघेल, हेमलता, अमर पांडे, रुखसाना खातून, गीतांजलि, सुलता महाराणा, सविता देवांगन, दिव्या दास, रजनी उपाध्याय, शशि बघेल ने भुमिका निभाई। साथ ही इस नाटक कला में गीत रचना और गायन के लिए भरत कुमार गंगादित्य, रिंकू पोराई, लक्ष्मी कुड़ीकल रहे। संगीत वाद्य यंत्र के लिए विशाल सिंह ठाकुर, आकाश तिवारी ,राहुल रायकवार थे। लाइव प्रसारण के लिए अविनाश प्रसाद ने सहभागिता दी। गुजराल सिंह बघेल, युगल जोशी, सुमन भास्कर और वन विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।
मंच का संचालन अप्रतिम झा और जीएस मनमोहन द्वारा किया गया।