दंतेवाड़ा । दन्तेवाडा वनमण्डल द्वारा तेन्दूपत्ता शिक्षा प्रोत्साहन के तहत छात्रवृत्ति प्रोत्साहन राशि का वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस योजना तहत 10वीं एवं 12वीं. में दंतेवाड़ा क्षेत्र अंतर्गत 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र एवं छात्राओं को प्रतिभाशाली एवं गैर व्यावसायिक छात्रवृत्ति की राशि लघु वनोपज संघ द्वारा लाभान्वित बच्चों के खातों में हस्तांतरित किया गया है, यह छात्रवृत्ति तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र एवं छात्राओं को प्रति वर्ष दिया जाता है। इसी कड़ी में आज 43 मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रमाण-पत्र वितरण कर उनका मनोबल बढ़ाया गया । तेंदूपत्ता संग्रहण योजना अंतर्गत शासन द्वारा 5500 प्रति मानक बोरा दर निर्धारण कर क्षेत्र के लगभग 22000 तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार को आर्थिक लाभ दिया जा रहा है। शासन द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहक मुखिया के पुत्र, पुत्री को शिक्षा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत छात्रवृत्ति योजना संचालित है, जिसके तहत प्रतिवर्ष मेधावी, प्रतिभाशाली, गैर-व्यावसायिक पाठ्यक्रम एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तहत छात्र-छात्रा को प्रोत्साहन राशि का वितरण किया जा रहा है।
कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि विधायक चैतराम अटामी द्वारा अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता को ग्रामीणों की आजीविका का एक हिस्सा बताते हुए आजीविका खेती, तेन्दूपत्ता एवं लघु वनोपज का संग्रहण उनके आर्थिक लाभ एवं इसके साथ ही तेंदूपत्ता संग्रहण लक्ष्य बढ़ाने, और अधिक संग्रहण करने ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य वन संरक्षक आर सी दुग्गा ने अपने संबोधन के दौरान जंगल को आग से बचाने, समस्त लोगों को वृक्ष लगाने, जंगलों की रक्षा करने की अपील करते हुए रक्षात्मक उपाय भी बताए।
कार्यशाला में उपस्थित समस्त ग्रामीणों, अधिकारियों से सभी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने की अपील करते हुए जिला पंचायत सदस्य रामू नेताम, के द्वारा वनों के महत्व के संबंध में कहा गया कि जंगल का महत्व हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है, हम सबको मिलकर बनो की रक्षा करनी चाहिए।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती पायल गुप्ता, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुनीता भास्कर, उपाध्यक्ष नगरपालिका धीरेन्द्र प्रताप सिंह, किसान मोर्चा एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण समस्त उपवन मंडलाधिकारी, समस्त परिक्षेत्र अधिकारी, तथा वन विभाग के वन कर्मचारी नोडल अधिकारी, प्रबंधक, समिति अध्यक्ष, एवं स्व सहायता समूह की महिलायें एवं स्थानीय ग्रामीण, आदि सम्मिलित थे।