जगदलपुर/बस्तर न्यूज
शहर में हर साल की तरह इस साल भी बालाजी मंदिर का 22 वां वार्षिकोत्सव भक्ति-भाव के साथ मनाया गया। वार्षिक उत्सव के आखिरी दिन महाआरती के बाद महा प्रसाद वितरण किया गया। वार्षिकोत्सव में श्रद्धालु दूर-दराज से भगवान बालाजी के दर्शन के लिए पहुंचे थे। कार्यक्रम 5 दिनों तक तक चला। उत्सव के आखिरी दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन कर प्रसाद ग्रहण किया।
बालाजी मंदिर में महाभण्डारा में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने ग्रहण किए प्रसाद
आन्ध्र समाज के सचिव सुब्बा राव ने बताया कि पिछले 22 साल से हर साल बालाजी मंदिर में वार्षिकोत्सव के दौरान 5 दिनों तक विभिन्न पूजा प्रतिष्ठान मंदिर में किए जाते हैं। वार्षिक उत्सव के पहले दिन शहर में शोभा यात्रा निकाली गई। दूसरे दिन भगवान बालाजी की अभिषेक और विवाह कार्यक्रम कराया जाता है। तीसरे दिन सामूहिक सत्यनारायण कथा का आयोजन, चौथे दिन कुमकुम पूजा और वार्षिक उत्सव के आखरी दिन महा भंडारा का आयोजन कर प्रसाद वितरण किया। महाभंडारा में हजारों की संख्या में बस्तर संभाग के सभी जिलों से श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे। दर्शन और प्रसाद ग्रहण करने लंबी-लंबी कतारें लगी रही।
बस्तर का दूसरा बड़ा पर्व
बस्तर दशहरा के बाद बालाजी मंदिर का यह वार्षिक उत्सव बस्तर में सबसे बड़ा पर्व है। इस वर्ष कोरोना के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या पहले के मुकाबले बड़ी संख्या में पहुंचे थे। वार्षिक उत्सव में सारी पूजा प्रतिष्ठानें धूमधाम से संपन्न कराई गई। वार्षिक उत्सव के आखिरी दिन महाप्रसाद का वितरण किया गया।
भजन सुन ओतप्रोत हुए श्रद्धालु
श्री बालाजी मन्दिर वार्षिकोत्सव के पांचवें दिन विशाखापत्तनम से आए स्वर तरंग समूह द्वारा भजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। भगवान वेकेंटेश्वर स्वामी बालाजी के भजन सुन कर उपस्थित श्रद्धालु भक्तिभाव से ओतप्रोत हुए।
चप्पल स्टैंड में 14 वर्षों से दे रहे निशुल्क सेवा
माँ दंतेश्वरी सेवा समिति, जगदलपुर द्वारा विगत 14 वर्षों से बालाजी मन्दिर वार्षिक उत्सव के आखिरी दिन चप्पल स्टैंड में नि:शुल्क सेवा श्रद्धालुओं को उपलब्ध करवाई जा रही है। समिति के स्वयं सेवकों का समूह लगातार चौदह वर्षों से अपनी सेवाएँ देते आ रहे हैं।
दिव्यांश और बुजुर्गों के लिए अलग व्यव्स्था
बालाजी मंदिर वार्षिकोत्सव के खाखरी दिन शनिवार को महा-भण्डारा का आयोजन किया। महाभण्डारा में संभाग के साथ ही ओडिशा और आंध्रप्रदेश के श्रद्धालु भी पहुंचे थे। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए दिव्यांश और बुजुर्गों के लिए अलग व्यव्स्था की गई थी। इसके चलते बुजुर्गों को काफी सहुलियत मिली ।