जगदलपुर

मोटिवेशनल कार्यक्रम में श्रमणी कमल प्रज्ञा ने प्रवचन दिया

जगदलपुर । (बस्तर न्यूज) शांतिदूत एवं अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्य श्री महाश्रमण की सुशिष्या श्रमणी कमल प्रज्ञा आदि ठाणा तीन का ओसवाल भवन में विगत दिनों से प्रवास चल रहा है । श्रमणीवृंद द्वारा प्रतिदिन नए नए विषयों पर श्रावक एवं श्राविकाओं के मध्य तत्वज्ञान एवं प्रतिदिन की जीवन शैली में प्रयुक्त की जाने वाली कार्य शैली का विस्तृत एवं बहुत ही सुंदर विवेचन किया जा रहा है।
इसी कड़ी में 26 जून के रात्रि कालीन प्रवचन में तेरापंथ धर्म संघ के दसवें आचार्य श्री महाप्रज्ञ के 103वे जन्म दिवस के उपलक्ष में पावर आफ पॉजिटिव थिंकिंग विषय पर एक मोटिवेशनल कार्यक्रम रखा गया । जिसमें ओसवाल जैन श्वेतांबर समाज के सभी श्रावक श्राविका उपस्थित होकर इस कार्यक्रम का लाभ उठाया। श्रमणी कमल प्रज्ञा ने संबोधित करते हुए बताया कि व्यक्ति जैसा सोचता है वैसा ही उसका परिणाम होता है । इस कथन की व्याख्या करते हुए उदाहरण दिया कि जब राम भगवान को सीता माता को लेने लंका जाना था । तब समुद्र को पार करना था, उस समय सभी वानर सेना को विश्वास था यदि हम पत्थर के टुकड़ों पर श्री राम का नाम लिख समुद्र में डालें तो पत्थर तैरने लगेगा और पुल का निर्माण किया जा सकता है । और ठीक वैसा ही हुआ श्री राम के नाम का पत्थर समुद्र में तैरने लगा । लेकिन यह सोचने वाली बात है कि यह कैसे संभव है, तो हमें समझना होगा कि अगर किसी चीज के पीछे सकारात्मक सोच होती है । तो कार्य सिद्ध हो जाता है। हमें अपने कार्यों को श्रेष्ठ ढंग से संपादित करने के लिए उनका मैनेजमेंट करना आवश्यक है ।
पॉजिटिव थिंकिंग शब्द, सोच, विचार, चरित्र, एवं तरीका का मिश्रित स्वरूप है, जो एक साथ मिलकर पावर जनरेट करता है । पॉजिटिव थिंकिंग के लिए हमें दूसरों पर अनुशासन करने की आवश्यकता नहीं है बल्कि निज पर शासन फिर अनुशासन का सिद्धांत हमें अपने जीवन में लागू करना होगा । श्रमणी कमल प्रज्ञा द्वारा वर्तमान में देश के बिगड़ते हालातों पर सुधरे व्यक्ति समाज व्यक्ति से राष्ट्र स्वयं सुधरेगा । इसके माध्यम से युवा पीढ़ी को जागृत करने हेतु संदेश दिया। किसी भी समस्या का मूल कारण क्रोध है, यदि यह क्रोध न हो तो समस्या अपने आप में छोटी लगने लग जाती है । आने वाले दिनों में जीवन जीने की कला एवं क्रोध पर नियंत्रण कैसे रखें । इसकी एक विस्तृत कार्यशाला ओसवाल भवन के प्रांगण में रखी जाएगी ।

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